महाराष्ट्र में एनसीपी में मचे घमासान के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की विधानसभा से अयोग्यता का मामला एक बार फिर से सामने आ गया है। शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता सुनील प्रभु ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। प्रभु ने मांग की है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके सहयोगी विधायकों की अयोग्यता पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए। उन्होंने ने सीएम शिंदे और बागी विधायकों की अयोग्यता का मामला अभी तक स्पीकर के पास लंबित रहने का हवाला दिया है।
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी अभी तक स्पीकर ने एकनाथ शिंदे और उनके साथ पार्टी से बगावत करने वाले विधायकों की अयोग्यता को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है।
बता दें कि पिछले साल शिवसेना के कई नेता बागी हो गए थे और पार्टी छोड़ बीजेपी के साथ मिल गए थे। इस तरह एमवीए गठबंधन की सरकार गिर गई थी। इसके खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट सुप्रीम कोर्ट में गया था। उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे और उनके साथ 15 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग उठाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मई में महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए मामला बड़ी बेंच के पास भेज दिया था। कोर्ट ने कहा, राज्यपाल का फ्लोर टेस्ट देने का आदेश गलत था लेकिन उद्धव ठाकरे की सरकार को बहाल नहीं किया जा सकता, क्योंकि उन्होंने खुद इस्तीफा दे दिया था।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता पर फैसला स्पीकर पर छोड़ दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 16 विधायकों की अयोग्यता पर विधानसभा अध्यक्ष फैसला करेंगे। शीर्ष अदालत ने स्पीकर को इस मामले में जल्द फैसला लेने को कहा था। कोर्ट ने टिप्पणी भी की थी कि पार्टी में बंटवारा अयोग्यता कार्रवाई से बचने का आधार नहीं हो सकती।