![AC cabins in Trucks: ट्रकों में ड्राइवर के लिए एसी केबिन होगा अनिवार्य, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कही यह बात Air-conditioned cabins for trucks will soon be made mandatory says Nitin Gadkari](https://i0.wp.com/staticimg.amarujala.com/assets/images/2022/12/17/750x506/nitin-gadkari_1671264711.jpeg?resize=414%2C233&ssl=1)
Nitin Gadkari
– फोटो : Twitter/@Nitin_Gadkari
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ट्रकों में ड्राइवरों के लिए वातानुकूलित (एसी) केबिन को जल्द ही अनिवार्य बनाया जाएगा। भारतीय ड्राइवरों पर आधारित पुस्तक ‘देश चालक’ के विमोचन के मौके पर सोमवार को गडकरी ने कहा कि परिवहन क्षेत्र में ड्राइवरों की भूमिका अहम होती है। यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
उन्होंने कहा कि ड्राइवरों के काम करने और उनकी मानसिक स्थिति से जुड़े मुद्दों के त्वरित समाधान की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर दुख जताया कि ट्रक ड्राइवरों को भीषण गर्मी में भी काम करना पड़ता है। उन्होंने कहा, मैं लंबे समय से ट्रक ड्राइवरों के लिए एसी केबिन के मुद्दे को आगे बढ़ा रहा हूं। कुछ लोग इसका विरोध करते हैं और कहते हैं कि इससे लागत बढ़ जाएगी। लेकिन यहां आने से पहले मैंने फाइल पर हस्ताक्षर कर दिया है कि अब से ट्रकों में ड्राइवर के केबिन वातानुकूलित होंगे।
ड्राइवरों के काम की स्थिति में सुधार की आवश्यकता
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ड्राइवरों के काम करने की स्थिति में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि अधिक ड्राइविंग स्कूलों की स्थापना करके चालकों की कमी को दूर करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। गडकरी ने कहा कि चालकों की कमी के कारण भारत में ड्राइवर लगातार 14-16 घंटे काम कर रहे हैं, जबकि अन्य देशों में उनके काम के घंटे तय हैं।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और इसके लिए लॉजिस्टिक्स बहुत महत्वपूर्ण है। भारत के निर्यात को बढ़ाने के लिए लॉजिस्टिक्स की लागत को कम करने की आवश्यकता है। गडकरी ने कहा कि दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में हमारी लॉजिस्टिक्स लागत 14-16 प्रतिशत है। चीन में यह 8-10 प्रतिशत है, यूरोपीय देशों और अमेरिका में यह 12 प्रतिशत है। अगर हमें निर्यात बढ़ाना है तो हमें लॉजिस्टिक्स लागत में कटौती करनी होगी।