कोविड-19 सब-वैरिएंट JN.1 के 196 मामले, यहां सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना अनिवार्य

कोविड-19 के सब-वैरिएंट JN.1 (Covid-19 JN.1) के देश में अब तक कुल 196 मामले सामने आये हैं. साथ ही ओडिशा उन राज्यों की सूची में शामिल हो गया है, जहां कोरोना वायरस के इस सब-वैरिएंट की मौजूदगी का पता चला है. यह जानकारी इंडियन सार्स सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) द्वारा सोमवार को जारी किये गए आंकड़े से मिली. नये वैरिएंट की एंट्री से देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आई है. इधर कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लेह में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.

कोरोना के बढ़ते मामले से लेह प्रशासन अलर्ट

कोविड-19 के मामलों में बढ़ातरी के मद्देनजर लेह जिला प्रशासन ने सोमवार को कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होगा. लेह में पिछले सप्ताह कोविड-19 के 11 मामले सामने आये. लोगों को कार्यालयों, कार्यस्थलों और सार्वजिनक स्थानों एवं सार्वजनिक परिहवनों में अनिवार्य रूप से मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. इस आदेश में लोगों से कार्यालयों एवं सार्वजनिक स्थानों पर आपस में दूरी बनाकर भी रखने को कहा गया है.

दस राज्यों में कोरोना के नये सब वैरिएंट की एंट्री

अब तक देश के दस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के जेएन.1 उप-स्वरूप के मामले सामने आये हैं. INSACOG के अनुसार, ये राज्य हैं केरल (83), गोवा (51), गुजरात (34), कर्नाटक (आठ), महाराष्ट्र (सात), राजस्थान (पांच), तमिलनाडु (चार), तेलंगाना (दो) ओडिशा (एक) और दिल्ली (एक) हैं. आईएनएसएसीओजी के आंकड़े से पता चला है कि दिसंबर में देश में सामने आये कोविड के कुल मामलों में 179 जेएन.1 के थे, जबकि नवंबर में ऐसे मामलों की संख्या 17 थी.

WHO ने कोरोना के सब वैरिएंट को वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ करार दिया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस के ‘जेएन.1’ स्वरूप के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ करार दिया है. डब्यूएचओ ने साथ ही कहा कि इससे वैश्विक जनस्वास्थ्य के लिए ज्यादा खतरा नहीं है.

कोरोना के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई केंद्र की चिंता

कई देशों से जेएन.1 के मामले सामने आते रहे हैं और वैश्विक स्तर पर इसका प्रसार तेजी से बढ़ा है. देश में कोविड मामलों की संख्या में वृद्धि और जेएन.1 उप-स्वरूप का पता चलने के बीच केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निरंतर निगरानी बनाए रखने को कहा है.

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