जम्मू-कश्मीर की आर्थिक धड़कन को तेज करते हुए शनिवार को अनंतनाग रेलवे स्टेशन पर पहली मालगाड़ी पहुँची। इसके साथ ही देश की सबसे चुनौतीपूर्ण मानी जाने वाली उधमपुर–श्रीनगर–बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का बनिहाल–संगलदान–रियासी–कटरा खंड औपचारिक रूप से चालू हो गया, जिससे घाटी अब सीधे राष्ट्रीय माल ढुलाई नेटवर्क से जुड़ गई है।
अनंतनाग : जम्मू-कश्मीर के परिवहन बुनियादी ढाँचे में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करते हुए शनिवार को अनंतनाग रेलवे स्टेशन पर पहली मालगाड़ी पहुँची। इसके साथ ही उधमपुर–श्रीनगर–बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के बनिहाल–संगलदान–रियासी–कटरा खंड का परिचालन शुरू हो गया है।
इस कदम से घाटी अब सीधे राष्ट्रीय रेलवे माल ढुलाई गलियारे से जुड़ गई है, जिससे कंपनियों की रसद लागत घटेगी, पूरे वर्ष आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति संभव होगी और नए व्यापार मार्ग खुलेंगे।
272 किलोमीटर लंबी USBRL परियोजना उधमपुर, रियासी, रामबन, श्रीनगर, अनंतनाग, पुलवामा, बडगाम और बारामूला जिलों से होकर गुजरती है। इसे स्वतंत्रता के बाद भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण रेलवे परियोजनाओं में गिना जाता है, क्योंकि यह जटिल हिमालयी भूगोल से होकर गुजरती है।
इस परियोजना में रियासी में चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे पुल (359 मीटर ऊँचाई, 1315 मीटर लंबाई) और अंजी खड्ड पर भारत का पहला केबल-स्टेड रेलवे पुल (331 मीटर ऊँचाई) शामिल हैं।
USBRL के निर्माण ने अब तक 5 करोड़ से अधिक मानव-दिवस का रोजगार सृजित किया है और 215 किलोमीटर से अधिक लंबी पहुँच सड़कों, 320 छोटे पुलों और एक सुरंग का निर्माण किया गया है।
परियोजना में सुरक्षा के लिए वेंटिलेशन, अग्निशमन और 66 किलोमीटर लंबी एस्केप सुरंगों जैसी वैश्विक मानक की सुविधाएँ दी गई हैं।
इस बीच, लगातार बारिश के चलते राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने लोगों से सावधानी बरतने और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में यात्रा से बचने की अपील की है।