देश में अगले कुछ माह में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड पर रोक लगा दी है। इसके बाद राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे में कमी आने का अनुमान है।
2019 में हुआ लोकसभा चुनाव दुनिया का सबसे महंगा चुनाव था। सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) के अनुसार, 2019 में चुनावों में 55,000 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान जताया गया था, लेकिन असल में यह 60,000 करोड़ बताया जा रहा है, यानी प्रत्येक लोकसभा सीट पर औसतन 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च हुए। ऐसे में लोकतंत्र और संविधान में समान अवसर की बात करना बेमानी ही कहा और माना जाएगा।
सवाल है कि पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार कितने करोड़ खर्च होंगे? क्या 2024 में दुनिया का सबसे महंगा चुनाव भारत में होगा?
2009 में 15वीं लोकसभा चुनाव का बजट भारत में उससे पहले हुए चुनावों से डेढ़ गुना ज्यादा था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 1998 में 9,000 करोड़, 1999 में 10,000 करोड़, 2004 में 14,000 करोड़, 2009 में 20,000 करोड़, 2014 में 30,000 करोड़ और 2019 में 60,000 करोड़ रुपये खर्च हुए। इस लिहाज से 2014 का खर्च 2009 से डेढ़ गुना बढ़ा था। 2019 के चुनाव में 2014 के हिसाब से लागत दोगुनी हुई थी। इसे आधार मानें, तो 2024 के चुनाव में 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है।