दरअसल, उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की सीमा यूपी से भी लगती है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के तहत आने वाले सभी 10 विधानसभा क्षेत्रों में मुख्य रूप से यूपी, बिहार और हरियाणा की प्रवासी आबादी रहती है। खास तौर पर इस लोकसभा क्षेत्र में बिहार और पूर्वांचली वोटरों की संख्या काफी अधिक है। भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता और गायक मनोज तिवारी को पूर्वांचल से जुड़ा मजबूत चेहरा माना जाता है। वह इस सीट से दो बार सांसद के रूप में निर्वाचित भी हो चुके हैं।
भोजपुरी अभिनेता और गायक होने की वजह से मनोज तिवारी पूर्वांचल और बिहार के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। उनकी इसी लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने उन्हें एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने मनोज तिवारी के सामने कन्हैया कुमार को चुनाव मैदान में उतारा है। कन्हैया कुमार भी बिहार के लोगों के बीच काफी मशहूर है। माना जा रहा है कि बिहार और पूर्वांचल के मतदाताओं को लुभाने के लिए कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को टिकट दिया है।
उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में लगभग 21 फीसदी मुस्लिम आबादी भी है। मुस्तफाबाद, सीलमपुर, करावल नगर और घोंडा जैसे इलाकों में अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है। दिल्ली की मुस्लिम आबादी में भी जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की अच्छी लोकप्रियता है। 37 वर्षीय कन्हैया कुमार अपना दूसरा लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने साल 2019 में बिहार के बेगुसराय से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। हालांकि भाजपा के कद्दावर नेता गिरिराज सिंह से हार गए थे।
माना जा रहा है कि कांग्रेस ने कन्हैया कुमार को चुनाव मैदान में उतार कर एक तीर से कई निशाने साधे हैं। कांग्रेस को लगता है कि कन्हैया कुमार बिहार और पूर्वांचल मूल के बहुसंख्य वोटर्स को लुभाने में कामयाब होंगे। यही नहीं वह अल्पसंख्यक समुदाय को भी रिझाने में सक्षम होंगे। साथ ही कन्हैया युवा और तेज तर्रार नेता भी हैं। ऐसे में युवाओं को भी अपनी ओर करने में भी उन्हें कामयाबी मिलने की उम्मीद पार्टी कर रही है। विश्लेषकों की मानें तो इन्हीं फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने उन्हें उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है।