इंदौर में जून के महीने में दिन के तापमान में खासी गिरावट होती है। पिछले 5 साल के आंकड़े यही बताते हैं। 2020, 2021, 2022, 2023 और 2024 में जून में कम गर्मी पड़ी थी। पारा 39.6 से 41.1 डिग्री के बीच ही रहा था। पिछले साल 40.6 डिग्री तक पारा पहुंचा था। इंदौर में जून के महीने में कोटे की 20 प्रतिशत तक बारिश हो जाती है। पिछले साल करीब 4 इंच पानी गिरा था। इस साल इससे अच्छी बारिश की उम्मीद है। बारिश के ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1980 में यहां जून महीने में 17 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। वहीं 24 घंटे में सर्वाधिक 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड 23 जून 2003 को बना था।
पूरा प्रदेश मानसून से भीगा
रविवार को प्रदेश के 22 से ज्यादा जिलों में पानी गिरा। मौसम विभाग के अनुसार, टीकमगढ़ में 9 घंटे के दौरान 2 इंच बारिश हो गई। मंडला में डेढ़ इंच, नर्मदापुरम में 1.4 इंच, ग्वालियर में 1 इंच, भोपाल-रायसेन में पौन इंच बारिश दर्ज की गई। इधर, खराब मौसम के कारण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के हेलीकॉप्टर की रविवार दोपहर पिपरिया हेलीपैड पर इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। इसके बाद वे परिवार के साथ सड़क मार्ग से पचमढ़ी हिल स्टेशन पहुंचे। उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में पालकी हॉल से एम्बुलेंस गेट तक निर्मित टनल परिसर की छत का पीओपी रविवार सुबह 8 बजे अचानक गिर गया। कुछ दिन से टनल परिसर की छत से पानी का रिसाव हो रहा था, जिससे पीओपी ने छत छोड़ दी। भोपाल में रविवार सुबह कई इलाकों में बारिश हुई। वहीं, रतलाम, पचमढ़ी में आधा इंच बारिश हुई। बैतूल, धार, इंदौर, ग्वालियर, नर्मदापुरम, शिवपुरी, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, खजुराहो, निवाड़ी, सागर, सिवनी, उमरिया समेत कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहा।