Uric acid increase risk of heart attack: एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि अगर यूरिक एसिड शरीर में बढ़ता है तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए यूरिक एसिड को कंट्रोल करना सबसे ज्यादा जरूरी है.
नई दिल्ली:
यूरिक एसिड को अब सिर्फ गठिया या किडनी की पथरी से जुड़ी समस्या नहीं माना जा सकता। यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी के हालिया अध्ययन में यह स्पष्ट किया गया है कि शरीर में हाई यूरिक एसिड हार्ट अटैक का खतरा गंभीर रूप से बढ़ा सकता है।
यूरिक एसिड कैसे बनता है?
जब शरीर में प्रोटीन का मेटाबोलिज्म होता है, तो उससे प्यूरिन नामक तत्व बनता है। यह प्यूरिन टूटकर यूरिक एसिड में बदलता है, जो मुख्य रूप से किडनी और आंतों के माध्यम से शरीर से बाहर निकलता है।
लेकिन जब यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है —
-
महिलाओं में 6.0 mg/dL से ज्यादा,
-
पुरुषों में 7.0 mg/dL से ज्यादा,
तो यह रक्त वाहिकाओं की दीवारों को नुकसान पहुंचाने लगता है, जिससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, सूजन, और धमनियों में रुकावट जैसे घातक परिवर्तन हो सकते हैं।
1 पॉइंट यूरिक एसिड बढ़ा, खतरा दोगुना!
इटली में हुए एक व्यापक अध्ययन में 20,000 से अधिक मरीजों पर शोध किया गया।
नतीजे चौंकाने वाले थे —
सिर्फ 1 मिलीग्राम/डेसीलीटर यूरिक एसिड बढ़ने पर भी हार्ट डिजीज और समय से पहले मृत्यु का जोखिम बढ़ गया।
हाई यूरिक एसिड के आम लक्षण
-
जोड़ों में तेज़ दर्द (विशेषकर पैर के अंगूठे में)
-
सूजन, लालिमा, गर्माहट, और कोमलता
-
सुबह के समय या लंबे आराम के बाद जोड़ों की अकड़न
-
बाजू या पीठ में तेज दर्द
-
पेशाब में जलन, खून या बदबू
-
बिना दर्द के भी जोड़ों में झनझनाहट
कैसे करें बचाव?
परहेज करें
-
रेड मीट, समुद्री भोजन, अंग मांस, बियर
-
मीठे पेय, ज्यादा फ्रुक्टोज़ वाले फूड्स
स्वस्थ आदतें अपनाएं
-
खूब पानी पिएं
-
शराब से बचें
-
वजन नियंत्रित रखें
-
नियमित व्यायाम करें
-
ब्लड प्रेशर व डायबिटीज को कंट्रोल में रखें
नियमित जांच कराएं
खासकर अगर पहले से गठिया, किडनी स्टोन या परिवार में इसका इतिहास रहा हो।क्यों जरूरी है सतर्क रहना?
हाई यूरिक एसिड केवल मेटाबॉलिज्म की गड़बड़ी नहीं, बल्कि यह हार्ट अटैक की संभावनाओं को बढ़ाने वाला अहम कारक है।
समय रहते इसकी पहचान, जांच और इलाज से हार्ट से जुड़ी कई जटिलताओं को रोका जा सकता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि हृदय‑अनुकूल जीवनशैली ही इसका सबसे बड़ा समाधान है।
अब समय आ गया है कि हम यूरिक एसिड को सिर्फ “जोड़ों के दर्द” तक सीमित न समझें। यह हमारे दिल की सेहत से भी सीधा जुड़ा हुआ है।“स्वस्थ हृदय के लिए स्वस्थ यूरिक एसिड स्तर बनाए रखना ज़रूरी है।”
-