Ujjain News : गोपाल मंदिर में द्वारिकाधीश स्वरूप के दर्शन; आधी रात को दर्शन के लिए उमड़े हजारों श्रद्धालु

Darshan of Dwarkadhish form in Ujjain Gopal temple

गोपाल मंदिर में नींबू से की गई सजावट।

सिंधिया ट्रस्ट के प्रसिद्ध गोपाल मंदिर पर सिंधिया पंचांग एवं शैव मत के अनुसार जन्माष्टमी पर्व बुधवार रात्रि 12 बजे धूमधाम से मनाया गया। जन्माष्टमी पर भगवान गोपाल जी का पहली बार श्री द्वारिकाधीश रूप में शृंगार किया गया, जिसे देखने के लिए आधी रात को हजारों श्रद्धालु उमड़े।

रात 12 बजते ही मंदिर में कृष्ण जन्म की आरती की गई। जिसके बाद श्रद्धालुओं के नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गोपाल मंदिर चौक गूंज उठा। गोपाल मंदिर के प्रशासक अजय ढाकने ने बताया कि शाम को मंदिर में पंडितों के सानिध्य में पूजा शुरू हुई। इस दौरान भगवान गोपाल जी को स्नान कराया गया। पंचामृत से अभिषेक-पूजन किया गया। इसके पश्चात आकर्षक शृंगार किया गया। मोर पंख सजाए गए।

मंदिर के अंदर फूलों की सजावट की तो बाहर रंग-बिरंगी रोशनी व रंगोली सजाई गई। हजारों श्रद्धालु जन्माष्टमी पर भगवान की इस मनमोहक झांकी के दर्शन कर मंत्रमुग्ध हो गए। मंदिर में देर शाम से आधी रात तक दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। गोपाल मंदिर में 200 साल के इतिहास में पहली बार भगवान गोपाल जी का द्वारिकाधीश रूप में शृंगार किया गया। इसके लिए सोने के आभूषण भी सिंधिया राजघराने की ओर से भेजे गए जो जन्माष्टमी पर धारण कराए गए। वहीं शृंगार के लिए वस्त्र आदि सामग्री मथुरा-वृंदावन आदि जगहों से मंगवाए गए थे।

भुट्टे व नींबू से सजा उज्जैन का सांदीपनि आश्रम, भगवान की शिक्षा स्थली पर रात 12 बजे मना कृष्ण जन्म उत्सव

मंगलनाथ मार्ग पर स्थित भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली के रूप में प्रसिद्ध सांदीपनि आश्रम में श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। इस अवसर पर मंदिर में भुट्टे व नींबू से शृंगार किया गया। मंदिर के मुख्य पुजारी पं. रूपम व्यास ने बताया रात 11 बजे भगवान का पंचामृत से अभिषेक, पूजन किया गया। इसके पश्चात रात 12 बजे भगवान की जन्म हुई। देरशाम से रात तक आश्रम में दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। आज गुरुवार की सुबह से यहां नंद महोत्सव की झांकी सजाई जाएगी और कान्हा को पालने में झुलाया जाएगा व दिनभर पंजेरी का प्रसाद वितरण होगा। मंदिर परिसर में स्थित भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और सुदामा की पाठशाला को भुट्टे, नींबू एवं मधुमालती के पत्तों से शृंगारित किया गया जो देखते ही बन रहा था। वहीं भगवान को शृंगार में रेशमी, मखमली वस्त्र धारण कराए गए तो कई प्रकार के फल, मिठाई, माखन-मिश्री आदि का भोग लगाया गया।

महाकाल मंदिर में लड्डू और साक्षी गोपाल की भी हुई विशेष पूजा 

महाकाल मंदिर मे जन्माष्टमी पर्व पर शाम को संध्या आरती के पूर्व नैवेद्य कक्ष में विराजित श्री लड्डू गोपाल जी की प्रतिमा का अभिषेक-पूजन कर आरती की गई व पंजेरी, माखन-मिश्री का भोग लगाकर प्रसाद बांटा गया। वहीं श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित श्री साक्षी गोपाल जी का जन्माष्टमी महापर्व विशेष शृंगार कर महाआरती की गई। जब कि श्री महाकालेश्वर मंदिर के जलद्वार स्थित श्री साक्षी गोपाल जी का भी आज जन्माष्टमी महापर्व पर विशेष शृंगार दर्शन हुए।

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