जानकारी के मुताबिक बड़नगर में बायो पेट्रोल पंप के पास वाहन चैकिंग के दौरान हंक मोटरसाइकल के चालक बलराम पिता मड़िया निवासी नवापाड़ा को वाहन के कागज चेक करने के लिए रोका गया था, जिसके पास वाहन के दस्तावेज नहीं थे। उसकी गाड़ी पर नंबर प्लेट भी नहीं थी। उसकी गाड़ी पुलिस से छुड़वाने के लिए शराब के नशे में धुत बोलेरो वाहन क्रमांक MP 13 -CD-7702 का चालक होशियारसिंह पिता उमरावसिंह सिसोदिया आया। आरोपी के विरुद्ध मोटर व्हीकल एक्ट धारा 185 की कार्रवाई की गई। इसमें आरोपी की बोलेरो वाहन जब्त कर थाने लाया गया। बाद में आरोपी के विरुद्ध कोर्ट की चालानी कार्रवाई की गई व मोटरसाइकल चालक के विरुद्ध भी मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालानी कार्रवाई की गई।
क्या है धारा 185
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 185 जान-बूझकर किसी को चोट पहुंचाने से जुड़ी है। वहीं, मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185 नशे में गाड़ी चलाने से जुड़ी है। अगर किसी व्यक्ति के खून में शराब की मात्रा प्रति 100 मिलीलीटर में 30 मिलीग्राम से ज़्यादा होती है, तो उसे दोषी माना जाता है। पहली बार शराब पीकर गाड़ी चलाने पर छह महीने तक की जेल या दो हज़ार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10,000 से 15,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है या जेल हो सकती है।