अलवर में गुटखे का धुआंधार कारोबार चल रहा है. रोज नये गुटखे मार्केट में आने से इसकी लत भी लोगों को लग गयी है. गुटखा की लत बढ़ने से गंभीर बीमारियों के मरीजों की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ है. बीमारी के आंकड़े चौंकाने वाले आए हैं. अगर आपको भी इसकी लत है तो इन आंकड़ों पर आपको जरूर नजर डालनी चाहिए.
कैंसर के ठेले
अलवर का शायद ही कोई चौक चौराहा बचा हो जहां आपको गुमटी और ठेले लगे न दिखें. इनमें से ज्यादातार पान और गुटखों के हजारों पाउच लटके देखे जा सकते हैं. ये पाउच सीधे सीधे कैंसर परोस रहे हैं. कहीं भी गुमटी खोली हो वहां गुटखे का धंधा जोरों पर ही चलेगा. ग्राहकों में हर उम्र के लोग रहते हैं. खासतौर से युवा पीढ़ी को भी इस जहर की लत तेजी से लग रही है.
रोंगटे खड़े करने वाले आंकड़े
पीएमओ डा. सुनील चौहान ने बताया गुटखा खाने से सबसे ज्यादा मुंह के कैंसर और जीभ का कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो जाती हैं. साथ ही सिस्टमिक बीमारी भी हो जाती है. अलवर में ही नहीं देश में इससे बच्चे से लेकर वृद्ध तक ग्रस्त हैं. अलवर शहर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में आंकड़ों पर नजर डालें तो यह आंकड़ा हर साल बढ़ता जा रहा है.
विस्फोटक है स्थिति
साल 2021 में अस्पताल में कैंसर के 1067 मरीज आए. साल 2022 में यह संख्या बढ़कर 2883 हो गई. 2023 में आंकड़ा चौंकाने वाला रहा. जहां गुटखा खाने से होने वाली बीमारी से ग्रसित मरीजों की संख्या 9129 हो गई. एक तरह से इसे ब्लास्टिंग कंडीशन कहा जाता है. अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में कैंसर विशेषज्ञ इन मरीजों को परामर्श दे रहे हैं. साथ ही कीमो थेरेपी के साथ मरीज का इलाज किया जा रहा है. कुछ पेशेंट को जयपुर और बड़े सेंटर्स पर भी रेफर किया जाता है.