हड्डियों के लिए वरदान हैं ये 5 हर्ब्स, नियमित सेवन से बढ़ती उम्र में भी बोन रहेंगी स्ट्रॉन्ग, जानें इस्तेमाल का तरीका

Herbs for strong Bones: शरीर की फिटनेस बरकरार रखने के लिए हड्डियों का हेल्दी रहना बेहद जरूरी है. ऐसे में हड्डियों की विशेष केयर करना चाहिए. दरअसल, कई बार हम अपनी हड्डियों की सेहत को नजरअंदाज कर जाते हैं, जिसका नतीजा यह होता कि हम जोड़ों के दर्द, अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों से जुड़ी अन्य गंभीर समस्याओं के शिकंजे में आ जाते हैं. वैसे तो ये परेशानी उम्र बढ़ने की निशानी है, लेकिन आजकल सेहत की अनदेखी से कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिलती है. इससे रोजमर्रा के काम करने में भी दिक्कत हो सकती है. इससे निजात पाने के लिए लोग तरह-तरह के सप्लीमेंट्स भी लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कुछ आयुर्वेद हर्ब्स आपकी मदद कर सकते हैं. ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन करने से हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या भी दूर हो सकती है. आइए बलरामपुर चिकित्सालय लखनऊ के आयुर्वेदाचार्य डॉ. जितेंद्र शर्मा से जानते हैं हड्डियों को मजबूत बनाने वाली 5 हर्ब्स के बारे में-

हड्डियों की मजबूती के लिए 5 खास हर्ब्स

गिलोय: साधारण सी दिखने वाली गिलोय सेहत के लिए वरदान मानी जाती है. आयुर्वेद में इसका उपयोग कई बीमारियों का इलाज करने के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है. बता दें कि, गिलोय में कॉपर, आयरन, फॉस्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो हड्डियों को स्ट्रॉन्ग बनाए रखने में मदद करते हैं. यह गठिया रोग में लाभकारी साबित हो सकता है. इसका सेवन आप जूस या गिलोय चूर्ण के रूप में कर सकते हैं.

गुग्गुल: गुग्गुल को सेहत के लिए अमृत समान माना जाता है. आयुर्वेद में इसका यूज कई गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता है. दरअसल, गुग्गल शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करने का काम करता है, जिससे हड्डियों को मजबूती मिलती है. इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं. साथ ही यह गठिया रोग में भी फायदेमंद होता है. इसको आप दूध या पानी के साथ ले सकते हैं.

डेंडिलियन: कई पोषक तत्वों से भरपूर डेंडिलियन यानी सिंहपर्णी हड्डियों की सेहत के लिए बेहद असरदार होते हैं. बता दें कि, डेंडिलियन में मौजूद कैल्शियम और सिलिकॉन हड्डियों को बुढ़ापे तक मजबूत बनाए रखने का काम करते हैं. इसके साथ ही, ये हड्डियों को रिपेयर करने में भी मदद करते हैं. इसके सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस और अर्थराइटिस जैसी हड्डियों से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं. इसके लिए आप सिंहपर्णी की चाय का सेवन कर सकते हैं.

गोटू कोला: आयुर्वेद में गोटू कोला का इस्तेमाल एक शक्तिशाली औषधि के रूप में किया जाता है. इसके इस्तेमाल से हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. दरअसल, गोटू कोला में कई एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन से छुटकारा दिला सकते हैं. इसका नियमित सेवन करने से वैरिकोज वेन्स की समस्या भी दूर हो सकती है. इसके लिए आप गोटू कोला की चाय का सेवन कर सकते हैं.

लेमनग्रास: लेमनग्रास सेहत के लिए वरदान मानी जाती है. आमतौर पर, इसका इस्तेमाल चाय के रूप में किया जाता है. बता दें कि, लेमनग्रास में कई ऐसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डियों को स्वस्थ रखने का काम करते हैं. दरअसल, इसमें फ्लेवोनॉइड होता है, जो हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए जरूरी होता है. ऐसे में लेमनग्रास की चाय नियमित पीने से शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट होती है, जिससे आप कई बीमारियों की चपेट में आने से बचे रहेंगे.

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