साइबर हमले के कारण सुजुकी मोटरसाइकिल ने भारत में प्लांट में प्रोडक्शन रोका

बड़ी टू-व्हीलर कंपनियों में शामिल Suzuki Motorcycle को हरियाणा के गुरूग्राम में अपने प्लांट पर सायबर हमले के कारण प्रोडक्शन को रोकना पड़ा है। कंपनी के पिछले सप्ताह से प्रोडक्शन को रोकने की रिपोर्ट है और इस दौरान उसे लगभग 20,000 यूनिट्स के प्रोडक्शन का नुकसान होने का अनुमान है।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने इस घटना की जानकारी संबंधित सरकारी डिपार्टमेंट को दी है। कंपनी की ओर से भी सायबर हमले की जांच की जा रही है। Suzuki Motorcycle के लिए यह प्लांट टू-व्हीलर्स के एक्सपोर्ट का भी बड़ा जरिया है। पिछले महीने कंपनी ने देश में 61,660 यूनिट्स की बिक्री की थी। इसका मार्केट शेयर पांच प्रतिशत से कुछ अधिक है। हालांकि, इस महीने कंपनी के प्रोडक्शन पर बड़ा असर पड़ सकता है। देश में यह स्कूटर्स से लेकर सुपरबाइक्स तक की बिक्री करती है।

पावरफुल बाइक्स को पसंद करने वालों के बीच कंपनी की Hayabusa काफी लोकप्रिय है। कंपनी ने इसके थर्ड जेनरेशन GSX1300RR Hayabusa को लगभग दो वर्ष पहले लॉन्च किया था। इसमें 1,340 cc का एयर-कूल्ड, 4-स्ट्रोक, DOHC, इन-लाइन इंजन मिलता है, जो 9700 rpm पर 190 PS की मैक्सिमम पावर और 7000 rpm पर 150 Nm का पीक टॉर्क जेनरेट कर सकता है। इसमें सुजुकी इंटेलिजेंट राइड सिस्टम, एंटी-लिफ्ट कंट्रोल सिस्टम, इंजन ब्रेक कंट्रोल सिस्टम, स्लोप डिपेंडेंट कंट्रोल सिस्टम, एक्टिव स्पीड लिमिटर, मोशन ट्रैक ब्रेक सिस्टम, हिल होल्ड कंट्रोल सिस्टम जैसे फीचर्स भी मिलते हैं।

पिछले वर्ष देश के प्रमुख हॉस्पिटल्स में शामिल राजधानी के AIIMS पर भी सायबर अटैक हुआ था। इस अटैक में  हैकर्स ने AIIMS के 40 फिजिकल सर्वर्स में से पांच में सेंध लगाई थी।। हालांकि, इस सायबर अटैक का शिकार बने सर्वर्स से डेटा को सफलता से रिकवर कर लिया गया था। एम्स के सर्वर में कई वीआईपी मरीजों का डेटा भी स्‍टोर है। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री, मंत्री, जज और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। हैकर्स ने कथित तौर पर 200 करोड़ रुपये की डिमांड की थी और यह रकम क्रिप्टोकरेंसी में मांगी गई थी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सूत्रों ने बताया था कि इस सायबर अटैक के पीछे चीन था। इस पर जल्द नियंत्रण कर लिया गया था नहीं तो ज्यादा नुकसान हो सकता था। सेंट्रल फॉरेंसिक लैब (CFSL) की एक टीम को हैक हुए सर्वर की जांच करने में लगाया गया था जिससे मैलवेयर के जरिए किए गए अटैक के सोर्स का पता लगाया जा सके। 

Print Friendly, PDF & Email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!