मूंग खरीदी में घालमेल का खेल! मार्कफेड के आते ही समितियों ने खरीदी मानक तोड़े, दोहराया जा रहा है पिपरिया कांड?

Denvapost संवाददाता | नर्मदापुरम

24 जुलाई तक नाफेड, और 25 जुलाई से मार्कफेड। नाम बदला, लेकिन खेल वही पुराना। जैसे ही मूंग खरीदी का संचालन मार्कफेड को सौंपा गया, प्रदेश भर में कृषक सेवा सहकारी समितियों ने अमानक मूंग की खरीदी शुरू कर दी—बिना गुणवत्ता जांच के, सीधे सरकारी खजाने की कीमत पर।


शिखर वेयरहाउस रामपुर

शिखर-रामपुर और खापरखेड़ा: खुलेआम अमानक खरीदी

सूत्रों के अनुसार, देवगांव स्थित शिखर वेयरहाउस (रामपुर) और MPWLC के खापरखेड़ा स्थित वेयरहाउस नंबर 05 व 10 में मानकविहीन मूंग का जमकर भंडारण किया जा रहा है। यह वही उपज है, जिसे गुणवत्ता जांच में खारिज होना चाहिए था।

MPWLC मैनेजर भीम सिंह डाबर से जब Denvapost ने सवाल किया तो उन्होंने कहा:
“सर्वेयर जो मूंग पास कर रहे हैं, वही रखी जा रही है।” लेकिन जब शिखर वेयरहाउस में खरीदी की बात आई, तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया—जबकि मौके पर Denvapost की टीम मौजूद थी और खरीदी चालू अवस्था में पाई गई।


MPWLC वेयरहाउस no 10

बनखेड़ी में बड़ी कार्रवाई: घटिया मूंग पर FIR

इस बीच, नर्मदापुरम जिले के बनखेड़ी ब्लॉक के पड़रखा गांव स्थित अनंतश्री वेयरहाउस में सरकारी मूंग खरीदी में बड़ा घोटाला सामने आया। नैफेड और प्रशासन की संयुक्त छापेमारी में सैकड़ों क्विंटल अमानक मूंग मिलने पर कलेक्टर सोनिया मीणा के निर्देश पर करीब पांच दिन पहले एफआईआर दर्ज हुई।

ये खबर पढ़े राजनीतिक दबाव के आगे सरकारी अफसर नतमस्तक , कार्रवाई के नाम पर सिर्फ हिदायत

कट-कमीशन तंत्र: समितियों और सर्वेयरों की मिलीभगत?

जब वही सर्वेयर जो गुणवत्ता की निगरानी के लिए नियुक्त हैं, अमानक उपज पास कर रहे हैं, तो यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि एक सुनियोजित “कट-कमीशन नेटवर्क” का हिस्सा लगती है।

“अगर एक ही शटर से जुड़ा अनधिकृत गोदाम चल रहा हो और उस पर किसी की नजर न पड़े, तो यह चूक नहीं—संलिप्तता है।”

क्या दोहराया जा रहा है पिपरिया मूंग घोटाला?

पिछले वर्ष पिपरिया वेयरहाउसों में अमानक मूंग मिलने से शासन को करोड़ों का नुकसान हुआ था। अब वही परिदृश्य मार्कफेड के अधीन फिर से दोहराया जा रहा है।

अगर समय रहते जांच, जवाबदेही और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो यह घोटाला राजकोष को और बड़ी चपत लगा सकता है।

कानूनी जिम्मेदारियाँ स्पष्ट हैं, फिर भी ज़िम्मेदार कौन?

जिम्मेदारी सर्वेयर खरीदी से पूर्व गुणवत्ता जांच समिति प्रबंधक केवल मानक मूंग को स्वीकृत करना वेयरहाउस मैनेजर भंडारित उपज की निगरानी जब ये सभी मिलकर एक-दूसरे पर दोष मढ़ते हैं, तो जवाब साफ है—कहीं न कहीं मिलीभगत है।

ये खबर भी पढ़े देनवा पोस्ट सबसे आगे : मूंग खरीदी में घोटाले का खुलासा, ईमानदार अधिकारियों को किया जा रहा प्रताड़ित

क्या आपके पास घोटाले से जुड़ी कोई सूचना है?

Denvapost आमजन, किसानों और कर्मचारियों से अपील करता है कि यदि उनके पास इस मामले से जुड़ा कोई दस्तावेज, फोटो या वीडियो है, तो उसे साझा करें—हम आपकी पहचान गोपनीय रखेंगे और सच को सतह तक लाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!