वर्तमान में पेंच टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जा रही है। गर्मियों की छुट्टियों के चलते पर्यटक यहां आकर प्रकृति की गोद में सुकून के पल बिता रहे हैं। सुबह और दोपहर की सफारी में लोग घने जंगलों में वन्यजीवों को नजदीक से देख पा रहे हैं। गर्मी और सूखे के कारण वन्यप्राणी जल स्रोतों की तलाश में बाहर निकल रहे हैं, जिससे बाघ, तेंदुआ, हिरण, नीलगाय, सियार जैसे जीवों को देख पाना अधिक आसान हो गया है।
325 पक्षी प्रजातियों और प्रसिद्ध बाघों का बसेरा
1179 वर्ग किलोमीटर में फैला पेंच राष्ट्रीय उद्यान 82.30 वर्ग किलोमीटर कोर क्षेत्र के साथ 116 किलोमीटर के कच्चे सफारी मार्गों से युक्त है। यहां 325 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं।
बीजामट्टा, पाड़देव, लक्ष्मी, काला पहाड़, एल मार्क और स्वास्तिक जैसे प्रसिद्ध बाघ और बाघिन अक्सर पर्यटकों को दिखाई देते हैं।
महिला गाइड भी निभा रही अहम भूमिका
पर्यटकों को बेहतर अनुभव दिलाने के लिए पेंच में 150 से अधिक प्रशिक्षित गाइड मौजूद हैं, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। खवासा का तेलिया बफर क्षेत्र दिन-रात सफारी के लिए खुला रहता है, जबकि सबसे ज्यादा आवाजाही दुरिया गेट से हो रही है।
प्राकृतिक प्रेमियों और वन्यजीव फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग बना पेंच
ऐसे रोमांचक अनुभवों और जैव विविधता से भरपूर माहौल के कारण पेंच टाइगर रिजर्व इन दिनों वन्यजीव प्रेमियों, फोटोग्राफरों और रोमांच के शौकीनों की पसंदीदा मंज़िल बना हुआ है।