शिवराज सिंह चौहान
– फोटो : सोशल मीडिया
बताया जाता है गत शुक्रवार को बुदनी विधानसभा क्षेत्र के डीजे संचालक भोपाल स्थित 74 बंगले मामा के घर पहुंचे थे। जहां उन्होंने सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध से रोजी-रोटी छिनने तथा उनके बेरोजगार होने की बात कही थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने इन्हें भी आश्वत किया था कि आपके साथ कोई अन्याय नहीं होगा। डीजे संचालकों के मुताबिक उनकी मांग के बाद पूर्व सीएम ने सीहोर कलेक्टर से मोबाइल पर बात भी की थी।
मोहन सरकार के आदेश से चिंता
उल्लेखनीय हैं कि मप्र की मोहन यादव सरकार ने अस्तित्व में आते ही सबसे पहले आदेश जारी करते हुए कोलाहल नियंत्रण के तहत मंदिर-मस्जिद पर लगे हुए लाउड-स्पीकर व सड़कों पर बजने वाले डीजे, बैंड-बाजा, ढोल, नगाड़ा व ताशे तथा खुले में बिकने वाले मांस के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया था। सरकार के आदेश के बाद स्थानीय अधिकारियों ने डीजे व ढोल संचालकों के साथ सभी धर्मों के गुरुओं की बैठक लेकर सरकार के आदेश का पालन करने के निर्देश दिए थे। हालांकि आदेश में यह स्पष्ट नहीं था कि कोलाहल नियंत्रण के तहत बैंड-बाजे व ढोल व ताशे पर भी प्रतिबंध रहेगा। लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने यह स्पष्ट कहा था कि कोलाहल नियंत्रण के तहत इन पर प्रतिबंध रहेगा।
जिसके घर शादी, वो ले परमिशन
बैंड-बाजा बजाने के लिए भी अनुमति लेना आवश्यक होगा। स्थानीय प्रशासन के फरमान के बाद बैंड-बाजा संचालकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। शादी-विवाह का सीजन 15 जनवरी से शुरू हो रहा है। ऐसे में वैवाहिक आयोजन वाले परिवार सरकार के आदेश के बाद फूंक-फूंक कदम रख रहे हैं, जिससे कि विवाह के दौरान कोई खलल पैदा ना हो। बैंड-बाजा संचालकों से बात करने के दौरान वह अनुमति लेने की बात भी उन्हीं से कर रहे हैं। जबकि अनुमति वैवाहिक आयोजन के मुखिया को ही लेना है। लेकिन सरकारी विभागों के चक्कर लगाने को कोई भी तैयार नहीं हैं। जिससे बैंड-बाजा संचालकों का धंधा चौपट होने की पूरी संभावना है। इसी के चलते शनिवार को पूर्व सीएम को ज्ञापन सौंपकर इस मामले में निर्णय लिए जाने की मांग की गई। हालांकि पूर्व सीएम द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद से यह माना जा रहा हैं कि अब वैवाहिक आयोजनों में स्थानीय प्रशासन का शिकंजा नहीं कसेगा।