
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संकल्पित है।विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित कर रही है, जिसके परिणाम स्वरूप देश एवं प्रदेश में किसान समृद्ध हो रहा है और भारत की आत्मा ग्रामीण अंचल सशक्त बन रहा है। साथ ही साथ विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के दिशा में अग्रसर है। यात्रा की तैयारियां की जा रही हैं। सोमवार को किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष मान सिंह इलाही के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसानों को द्वारा यात्रा का शुभारंभ दोपहर बारह बजे शहर के गल्ला मंडी से किया जाएगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए किसान मोर्चा के मीडिया प्रभारी रिंकू त्यागी ने बताया कि पूरे देश में राष्ट्रीय नेतृत्व में आयोजन किया जा रहा है। सोमवार को यात्रा का शुभारंभ देश के साथ शहर से किया जाएगा। प्रतिदिन यह यात्रा जिले के पांच गांवों में आयोजित की जाएगी, जिसमें स्थानीय सांसद, विधायक, निर्वाचित प्रतिनिधि, भाजपा मंडल अध्यक्ष, जिला पदाधिकारी, सेवानिवृत कर्मचारी, वकील, डॉक्टर, भूतपूर्व, सैनिक, वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्त्ता के साथ मोर्चा कार्यकर्ता, ग्राम पंचायत के वरिष्ठ एवं प्रभावशाली गणमान्य नागरिक शामिल होंगे।
यात्रा के दौरान सभी वर्गों एवं सभी क्षेत्र में कार्य कर रहे जनमानस को सम्मिलित कर उनसे संपर्क किया जाएगा। एक तक माह चलने वाली ग्राम परिक्रमा यात्रा में भाजपा सरकार के विकास कार्यों की जानकारी को प्रदेश के 20 हजार गांव में पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि यात्रा का शुभारंभ गौ माता एवं कृषि यंत्रों का पूजन कर किया जाएगा, जिसका सीधा प्रसारण प्रदेश के सभी जिलों में एलईडी स्क्रीन के माध्यम से होगा। साथ ही प्रत्येक संगठनात्मक जिले में होने वाले सीधे प्रसारण समारोह में बड़ी संख्या में किसानों को आमंत्रित किया जाएगा। वक्ताओं द्वारा किसान केंद्रित योजनाओं और मोदी सरकार की पूरी हुई गारंटियों पर प्रकाश डाला जाएगा।
यात्रा के दौरान दीवार लेखन भी किया जाएगा। यात्रा के माध्यम से गांवों में किसानों, मजदूरों की चौपाल लगाकर पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार के किस ऐतिहासिक गारंटी योजनाओं पर चर्चा होगी। चौपाल में किसानों-मजदूरों से संकल्प पत्र हेतु सुझाव लिये जाएंगे एवं उनकी आकांक्षा जानी जाएगी। उसके बाद डोर-टू-डोर अभियान चलाकर योजनाओं के पत्रक वितरित किये जाएंगे। यात्रा के संयोजक जिला में जिला अध्यक्ष, एवं 4 सदस्य होंगे साथ में मीडिया प्रभारी और सोशल मीडिया प्रभारी को भी समिति का हिस्सा बनाया जाएगा।
पीएम मोदी के प्रमुख 9 संकल्पों के बारे में जानकारी देना है। साथ-साथ किसान से संबंधित सभी लाभार्थियों से संपर्क करना है। अधिकतम किसानों से कैसे जुड़े यह ग्राम परिक्रमा यात्रा के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा। खेती में काम करने वाले मजदूरों की संख्या कृषकों से ज्यादा है, तो हम उन्हें भी मुख्य धारा में लेकर आएं और संगठन से जोड़ा जाना सुनिश्चित करेंगे।
गुप्त नवरात्रि के पावन अवसर पर कन्याओं को वितरण किया हलवे का प्रसाद
सीहोर शहर के विश्रामघाट मां चौसट योगिनी मरीह माता मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी गुप्त नवरात्रि का पावन पर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। माघ नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को गाय के घी से बनी सफेद चीजों का भोग लगाया और दोपहर के बाद हलवे की प्रसादी का कन्याओं को वितरण किया गया।
शनिवार को नवरात्रि के पहले दिन सुबह मंदिर के व्यवस्थापक रोहित मेवाड़ा, गोविन्द मेवाड़ा, जितेन्द्र तिवारी, सुमित भानु उपाध्याय, कमलेश राय आदि ने पूर्ण विधि-विधान से पूजा अर्चना की थी। व्यवस्थापक मेवाड़ा ने बताया कि गुप्त नवरात्रि के पावन अवसर पर यहां पर आस्था के साथ पर्व मनाया जाता है। इस मौके पर साधकों के द्वारा मंदिर में निरंतर पाठ का आयोजन किया जाता है।
इस मौके पर दीक्षित ने बताया कि मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का पूजन, अर्चन और स्तवन किया जाता है। शैल का अर्थ है हिमालय और पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म लेने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। पार्वती के रूप में इन्हें भगवान् शंकर की पत्नी के रूप में भी जाना जाता है। वृषभ (बैल) इनका वाहन होने के कारण इन्हें वृषभारूढा के नाम से भी जाना जाता है। इनके दाएं हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में इन्होंने कमल धारण किया हुआ है।
माता आदि शक्ति ने अपने इस रूप में शैल हिमालय के घर जन्म लिया था, इसी कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। शैलपुत्री नंदी नाम के वृषभ पर सवार होती हैं और इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प होता है। मां शैलपुत्री के चरणों में गौघृत अर्पित करने से भक्तों को आरोग्य और दीर्घ आयुका आशीर्वाद मिलता है और उनका मन एवं शरीर दोनों ही निरोगी रहता है। इसके साथ ही गौघृत का अखंड दीपक भी जलाते है। माता शैल पुत्रीके आशीवार्द से विचारो में गम्भीरता आती है और हर तरह की बीमारी दूर होती है, दीर्घ आयु का आशीर्वाद मिलता है। साधक आत्मविश्वास की जागृति भी होती है।