(सांकेतिक तस्वीर)
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विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह जिला सीहोर ने आरोपी डॉ. वीरेन्द्र गौर पिता गोविन्द निवासी पुरानी बस्ती शाहगांज जिला सीहोर को बाहर हजार के अर्थदंड व आजीवन कारावास की सजा दी है। मीडिया सेल प्रभारी केदार सिंह कौरव ने बताया कि घटना 18 नवंबर 21 के सुबह लगभग 11:30 की है। पीड़िता अपने भाई नरेश के साथ दाद का इलाज के लिए डॉ वीरेन्द्र गौर की क्लीनिक शाहगंज गई थी। मेरा भाई नरेश मुझे वहीं छोड़कर सोसाइटी की काम से चला गया था। इलाज के नाम पर डॉक्टर ने कोई इंजेक्शन लगा दिया, जिसके बाद मैं पूरे होश में नहीं थी।
इस दौरान डॉ. वीरेन्द्र गौर से मेरे कपड़े उतारकर मेरे साथ जबरजस्ती गलत काम किया। मेरे मना करने पर डॉ. गौर ने कहा कि यह बात अपने घरवालों को बताई तो तुझे जान से खत्म कर दूंगा। इतने में मेरा भाई नरेश वहां पर आया और उसको मेडिकल पर दवाई लेने के लिए भेज दिया। बाद में मैं घर चली गई। इसके कुछ दिनों बाद मैं गर्भवती हो गई। इसके बाद घरवालों को यह बात पता चली। घरवालों के साथ आकर आरोपी पर केस दर्ज कराया था। कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरोपी को दोषी पाया और उक्त सजा से दंडित किया। प्रकरण में शासन की ओर पैरवी विशेष लोक अभियोजक एनएस मेवाडा द्वारा की गई।