
नर्मदापुरम : सड़क हादसों में घायल व्यक्ति को समय पर अस्पताल पहुँचाना अब न सिर्फ़ एक नैतिक ज़िम्मेदारी है, बल्कि इस कार्य के लिए सरकार की ओर से नकद पुरस्कार और सम्मान भी मिलेगा।
मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित “राह-वीर योजना” का उद्देश्य दुर्घटना के बाद “स्वर्णिम घंटा” यानी पहले एक घंटे के भीतर घायलों को चिकित्सा सहायता दिलाकर अधिकतम जीवन रक्षा सुनिश्चित करना है।
इस योजना के तहत, जो भी नागरिक किसी गंभीर रूप से घायल व्यक्ति (जैसे सिर की चोट, रीढ़ की चोट, फ्रैक्चर, सर्जरी की आवश्यकता या मृत्यु की आशंका) को सड़क दुर्घटना के एक घंटे के भीतर अस्पताल पहुँचाता है, उसे ₹25,000 नगद इनाम
प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर भी मिलेगा गौरव
हर वर्ष प्रत्येक जिले से 10 सर्वश्रेष्ठ ‘राह-वीर’ चुने जाएंगे, जिन्हें ₹1 लाख तक का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
एक व्यक्ति को साल में अधिकतम 5 बार यह पुरस्कार मिल सकता है।
“राह-वीर” कौन बन सकता है?
कोई भी नागरिक जो घायल व्यक्ति को समय पर उपचार हेतु अस्पताल पहुँचाता है । सहायता बिना किसी निजी स्वार्थ के की गई हो,घायल की स्थिति गंभीर हो, जैसे – सिर की चोट, स्पाइनल इंजरी, फ्रैक्चर आदि।
“राह-वीर” यानी समय पर सहायता और एक अनमोल जीवन की रक्षा
यदि आप सड़क पर किसी घायल की मदद करते हैं और उसे त्वरित उपचार दिलवाते हैं, तो आप सिर्फ़ उसका नहीं, बल्कि एक पूरे परिवार का जीवन बचा सकते हैं।
अब मानवता की सेवा का अर्थ है – साहस, संवेदनशीलता और सम्मान। बनिए “राह-वीर” और जुड़िए जीवन बचाने के इस अभियान से।