अपर मुख्य सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण रश्मि अरूण शमी ने इस घटना के परिपेक्ष्य में 27 जून को ही इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड एवं हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों की गत दिवस बैठक ली। उन्होंने घटना के संबंध में तत्काल विस्तृत जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश बीपीसीएल को दिए। वर्तमान में वर्षा के मौसम को देखते हुए ऑयल कंपनियों को प्रदेश के समस्त पेट्रोल पंपों का निर्धारित चेकलिस्ट अनुसार निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए।
शमी ने कहा कि निरीक्षण में यह आवश्यक रूप से देखा जाएगा कि पेट्रोल पम्पों के भूमिगत टैंकों में पानी का रिसाव तो नहीं हो रहा है। यदि ऐसा पाया जाता है तो पानी के रिसाव को रोकने संबंधी एवं उपभोक्ताओं को सही गुणवत्ता का डीजल और पेट्रोल प्रदाय करने की समस्त कार्रवाई करें। बैठक में सख्त निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्येक पेट्रोल पंप की जांच की जाये, जिसमें प्रतिदिन सुबह किए जाने वाला निरीक्षण एवं समय-समय पर किए जाने वाले नियमित निरीक्षणों की जांच रिपोर्ट ऑनलाइन दर्ज की जाए। इस संबंध में जरूरी साफ्टवेयर का निर्माण करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
सभी आयल कंपनी के प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में उनकी तरफ़ से कोई समस्या नहीं आएगी और पेट्रोल पंपों की संघन जांच की जाएगी। पेट्रोल पंपों पर आवश्यक नागरिक सुविधाओं जैसे निःशुल्क हवा, पेय जल, महिला एवं पुरुष के लिए पृथक-पृथक शौचालय की व्यवस्था करने के निर्देश ऑयल कंपनियों को दिए गए। साथ ही पेट्रोल पम्पों पर उपलब्ध शौचालयों की प्रतिदिन साफ सफाई करने के भी निर्देश भी दिए गए हैं।
दल बनाकर सभी पेट्रोल पंपों की कराएं जांच
शमी ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि वे अपने क्षेत्र में आने वाले सभी पेट्रोल पंप की खाद्य, राजस्व, नापतौल एवं ऑयल कंपनी के अधिकारियों का दल बनाकर जांच कराएं। जांच में पेट्रोल पम्पों के भूमिगत टैंकों में किसी प्रकार का जल रिसाव रोकने तथा पेट्रोल पंप के नोजल से सही गुणवत्ता का डीजल एवं पेट्रोल प्रदाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। किसी भी स्थिति में किसी भी उपभोक्ता को पानी मिश्रित अथवा खराब गुणवत्ता का पेट्रोलियम उत्पाद प्रदाय नहीं किया जाए। इस दौरान खाद्य आयुक्त कर्मवीर शर्मा भी उपस्थित रहे।