Rath Yatra 2023:जगत कल्याण के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे भगवान जगन्नाथ

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा धर्मनगरी उज्जैन में निकल रही है। उत्सव की तैयारिया जोरों पर है। भगवान का नया रथ तैयार हो रहा है, नयी पोशाक बन चुकी है अभी भगवान बीमार है उनका उपचार चल रहा है। जो कि स्वस्थ होकर आषाढ़ शुक्ल दूज यानि की 20  के दिन रथ में विराजमान होकर जगत कल्याण के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। 19 जून की रात्रि से ही रथ को बुधवारीया में खड़ा कर दिया जायेगा। रात भर रथ की सज्जा होती रहेगी। प्रातः 11 बजे भगवान रथ मे विराजेंगे और पुजारियों द्वारा भगवान की पूजा स्तुति के बाद करीब दो बजे अतिथियों, साधु संतों द्वारा पूजन कर स्वर्णिम झाड़ू से यात्रा मार्ग को बुहारा जाएगा और रस्सियों से रथ खींचा जाएगा। इस यात्रा में प्रयुक्त रथ हाइड्रोलिक सिस्टम से युक्त है, जिससे रथ के शिखर की ऊंचाई भूमि से 18-20 फीट से उठाकर 35-37 फीट की जा सकती है| रथ यात्रा के दौरान ताशा-पार्टी, नगर निगम का टैंकर सड़क साफ करते हुए डीजे, घोड़े, हाथी, बैलगाड़ियों में कृष्ण लीलाओं में सजे-धजे बच्चे, प्रसाद वाहन, कीर्तन और नृत्य करते हुए माताजी और प्रभु जी की मंडली, रथ, पीने के पानी का टैंकर, आकस्मिक उपचार के लिए एम्बुलेंस तथा अंत में स्वच्छता का सन्देश देते इस्कान भक्त यात्रा में हुए कचरे को उठाते हुए चलेंगे।

मुख्यमंत्री चौहान को किया गया आमंत्रित

रथयात्रा का मार्ग बुधवारिया से कंठाल, नई सड़क, दौलतगंज, मालीपुरा, देवासगेट, चामुंडा माता चौराहा, ओवरब्रिज, टावर, तीनबत्ती, देवास रोड, इस्कान तिराहे से शाम लगभग 6:30 बजे इस्कान मंदिर पहुंचेंगे। जहां पूजा आरती उपरांत गुण्डिचा में विराजेंगे और सभी भक्तों के लिए महा भंडारे का आयोजन होगा। इस रथ यात्रा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी आमंत्रित किया गया है।


गुंडिचा में सात दिन रहेंगे भगवान

जगन्नाथ जी इस्कान मंदिर स्थित गुण्डिचा में सात दिन तक रहेंगे। जहां उनकी प्रसन्नता के लिए कथा, अष्टकालिक पूजा, 56 भोग, आरती और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन पुरे सप्ताह चलेगा। 28 जून 2023 को वापसी रथ यात्रा होगी जिसमें पुनः भगवान रथ में भक्तों के समूहों द्वारा दोपहर चार बजे नृत्य-कीर्तन कर रथ को खींचते हुए बिरला हॉस्पिटल, ट्रेजर बाज़ार के सामने से इंदौर रोड होते हुए, काला पत्थर, बसंत बिहार, आनंद नगर, सर्किट हाउस, पोली टेक्निक कॉलेज से इस्कॉन तिराहा होते हुए शाम को लगभग 6 से 7 के बीच इस्कॉन मंदिर पहुंचेंगे। अनेक देशी–विदेशी भक्त सम्मिलित होंगे। 21 जून से 27 जून तक प्रतिदिन प्रातः 7 से 9 बजे एवं सांय 5:30 से 9 बजे तक भागवत कथा, हरिनाम संकीर्तन, व्यंजन उत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रसाद वितरण होगा।


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