सेना की तैनाती और सक्रिय भूमिका
भारतीय सेना ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि एमपी/पीएमपी सब एरिया, 31 आर्मर्ड डिवीजन और मुख्यालय मध्य कमान के तहत काम कर रही बाढ़ राहत टुकड़ियाँ तीन जिलों में लगातार राहत कार्यों में जुटी हैं।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर जिलों में तीन राहत टुकड़ियाँ और तीन चिकित्सा दल तैनात हैं, जो 24 घंटे काम कर रहे हैं।
ADG PI (सेना) ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी दी:
“भारतीय सेना एसडीआरएफ और नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई है। अब तक 100 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया है। अभियान जारी है।”
गुना में दो मौतें, 150 से अधिक को बचाया गया
गुना जिले में हालात सबसे चिंताजनक रहे। गुना पुलिस अधीक्षक अंकित सोनी ने बताया कि प्रशासन और पुलिस के संयुक्त नियंत्रण कक्ष द्वारा समन्वित प्रयासों से 150 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जबकि दो शव बरामद किए गए हैं। मृतकों के परिजनों को शव सौंप दिए गए हैं और पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
कलेक्टर ने दी ज़मीनी स्थिति की जानकारी
गुना कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया कि जिले में पिछले तीन दिनों से मूसलधार बारिश हो रही है, जिससे फतेहगढ़ और बमोरी इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
कलेक्टर ने बताया:
“गुना शहर में चार राहत दल और फतेहगढ़-बमोरी में अलग-अलग टीमें तैनात की गई हैं। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पहुँच चुकी हैं। स्थिति नियंत्रण में है और राहत सामग्री का वितरण जारी है।”
मौसम विभाग का येलो अलर्ट
इस बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने गुना जिले के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, जिसका अर्थ है कि आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की संभावना है और सतर्कता की आवश्यकता है।
सेना और नागरिक तंत्र की तत्परता
इस बाढ़ संकट के दौरान भारतीय सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि संकट के समय यदि संस्थाएं समन्वयित रूप से काम करें, तो नुकसान को कम किया जा सकता है।
हालाँकि, बारिश की अनिश्चितता को देखते हुए आने वाले दिनों में भी सतर्कता और बचाव तैयारियों को मजबूत बनाए रखना ज़रूरी होगा।