प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि केंद्र में भाजपा शासन का पिछला दशक पूर्वोत्तर के लिए समर्पित रहा। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर को अपने हाल पर छोड़ दिया गया था लेकिन भाजपा ने बीते एक दशक में यहां की तस्वीर संवारने का काम किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में 11 शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने के प्रयासों में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के समय पर हस्तक्षेप की वजह से संकटग्रस्त मणिपुर की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि केंद्र सरकार नागा समूहों के साथ शांति वार्ता को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से 9,500 से अधिक विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण किया और मुख्यधारा में शामिल हो गए। यह क्षेत्र में शांति और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कहा कि जब केंद्र में भाजपा सरकार आई, तो मेरी पूर्वोत्तर में हालातों को बदलने की दृढ़ प्रतिबद्धता थी। हमने अलगाव और अज्ञानता की नीति को एकीकरण की नीति से बदला। पिछले 10 वर्षों पूर्वोत्तर के अलगाव को समाप्त किया और क्षेत्र को विकसित किया। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने इस क्षेत्र का लगभग 70 बार दौरा किया है।
‘मणिपुर की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार’
प्रधानमंत्री के अनुसार आज पूर्वोत्तर ना तो दिल्ली से दूर है और ना दिल से दूर है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत सरकार के मंत्रालयों द्वारा पूर्वोत्तर में स्थिति सुधारने के लिए पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया गया। मणिपुर के हालात पर विपक्ष की आलोचना पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसी स्थिति से संवेदनशीलता से निपटना सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मैं पहले ही संसद में इस बारे में बोल चुका हूं। हमने संघर्ष को सुलझाने के लिए अपने सर्वोत्तम संसाधन और प्रशासनिक मशीनरी को वहां समर्पित कर दिया। इस वजह से मणिपुर की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
चीन को दिया जवाब- अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है
अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों पर चीन के दावों के बारे में पूछे जाने पर पीएम मोदी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है, है और हमेशा रहेगा।
‘मिजोरम में म्यांमार की घुसपैठ रोकने के लिए सुरक्षा बल तैनात’
मिजोरम में म्यांमार की घुसपैठ पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे को पड़ोसी देश के अधिकारियों के साथ उठाया गया है क्योंकि इसका सीधा असर भारत, खासतौर पर पूर्वोत्तर राज्यों पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि घुसपैठ को रोकने के लिए भारत और म्यांमार के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था को खत्म करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा भारत-म्यांमार सीमा पर सीमा सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई है।