NEW DELHI: 🔹 अशांति के बाद उम्मीदों की किरण
मणिपुर पिछले एक वर्ष से जातीय संघर्ष और हिंसा की वजह से गहरे संकट से गुजर रहा है। कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हुई झड़पों ने राज्य की सामाजिक संरचना को झकझोर दिया। हजारों लोग विस्थापित हुए और कई परिवार असुरक्षा में जीने को मजबूर हैं।
ऐसे समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 13 सितंबर की यात्रा को लोग उम्मीद की नज़र से देख रहे हैं।
🔹 चूड़ाचांदपुर से शुरुआत
प्रधानमंत्री मोदी अपने दौरे की शुरुआत चूड़ाचांदपुर से करेंगे — यह वही इलाका है, जो हिंसा से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ। यहाँ वे विस्थापित परिवारों से सीधे संवाद करेंगे और उनकी तकलीफ़ें सुनेंगे। साथ ही, कई राहत एवं पुनर्वास परियोजनाओं की नींव रखी जाएगी।
चूड़ाचांदपुर के पीस ग्राउंड में प्रधानमंत्री की जनसभा को स्थानीय समुदायों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में अहम माना जा रहा है।
🔹 इम्फाल के कांगला का महत्व
इसके बाद प्रधानमंत्री इम्फाल के कांगला जाएंगे। कांगला न केवल मैतेई समुदाय की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर है, बल्कि यह मणिपुर की पहचान का भी केंद्र है। यहाँ प्रधानमंत्री घाटी के विस्थापित परिवारों से मिलेंगे और कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करेंगे।
🔹 2,500 करोड़ का विकास पैकेज
प्रधानमंत्री की इस यात्रा में विकास पर भी खास फोकस होगा।
1,300 करोड़ रुपये की नई परियोजनाओं की आधारशिला
1,200 करोड़ रुपये की पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं का उद्घाटन
इन परियोजनाओं में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और कनेक्टिविटी से जुड़ी योजनाएँ शामिल हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था और रोज़गार के अवसरों को गति देने वाली साबित होंगी।
🔹 एक्ट ईस्ट नीति और मणिपुर
मणिपुर सिर्फ एक सीमावर्ती राज्य नहीं, बल्कि भारत की “एक्ट ईस्ट नीति” का केंद्रीय स्तंभ है। दक्षिण पूर्व एशिया तक भारत की रणनीतिक पहुँच में मणिपुर की भौगोलिक स्थिति अहम है। यही वजह है कि यहाँ स्थिरता और शांति की बहाली राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय व्यापार — दोनों दृष्टिकोणों से ज़रूरी है।
🔹 निष्कर्ष: शांति + विकास = स्थिर मणिपुर
राज्य सरकार ने साफ़ कहा है कि शांति का अर्थ सिर्फ हिंसा का अभाव नहीं, बल्कि विश्वास और मेल-मिलाप की उपस्थिति है। प्रधानमंत्री की यह यात्रा इसी दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
स्थानीय लोगों की उम्मीदें हैं कि यह दौरा केवल घोषणाओं तक सीमित न रहकर, मणिपुर को वाकई शांति, स्थिरता और विकास की नई राह देगा।