Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम को चलाने वाली One 97 Communications और इसकी बैंकिंग यूनिट ने आपसी सहमति से विभिन्न इंटर-कंपनी एग्रीमेंट्स को समाप्त करने पर सहमति दी है। हालांकि, यह नहीं बताया गया है कि किन एग्रीमेंट्स को समाप्त किया गया है। Paytm Payments Bank ने शेयरहोल्डर्स एग्रीमेंट को भी आसान बनाने पर सहमति दी है। कंपनी की स्ट्रैटेजी की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, “एग्रीमेंट के अनुसार, पेटीएम और पेटीएम पेमेंट्स बैंक संबंधित पार्टी ट्रांजैक्शंस नहीं करेंगे।” इस बारे में Reuters की ओर से टिप्पणी के लिए भेजी गई ईमेल का पेटीएम ने उत्तर नहीं दिया है।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक में पेटीएम के CEO, Vijay Shekhar Sharma की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पेटीएम के पास बाकी की हिस्सेदारी है। पिछले सप्ताह शर्मा ने पेमेंट्स बैंक यूनिट के नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन और बोर्ड मेंबर के तौर पर इस्तीफा दे दिया था। RBI ने 15 मार्च तक पेटीएम पेमेंट्स बैंक को अपना कामकाज बंद करने के लिए कहा है। इस सूत्र ने बताया, “पेटीएम ने यह मान लिया है कि उसका पेमेंट्स बैंक लाइसेंस रद्द किया जाएगा। हालांकि, इसने बाद में फाइनेंशियल सर्विसेज में जाने के लिए दरवाजा खुला रखा है।”
केंद्र सरकार और RBI की भारतीय फिनेटक कंपनियों में चीन की हिस्सेदारी को लेकर चिंताओं की वजह से पिछले वर्ष पेटीएम में चाइनीज इनवेस्टर्स की हिस्सेदारी घटाई गई थी। चीन की Alibaba ने पेटीएम में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी थी। इसके अलावा जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप भी ओपन मार्केट डील्स के जरिए पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी घटाई थी। इसके बाद कंपनी में शर्मा की हिस्सेदारी बढ़ गई थी। इससे पहले RBI ने पेटीएम के पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के आवेदन को अस्वीकार कर दिया था। हालांकि, कंपनी को बाद में लाइसेंस के लिए दोबारा आवेदन करने की अनुमति दी गई थी। RBI की ओर से फिनटेक कंपनियों की स्क्रूटनी बढ़ाई जा रही है।