कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार दोपहर हुए आतंकी हमले में 26 लोगों लोगों की जान चली गई। कई घायल अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज किया जा रहा है। लेकिन, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस आतंकी हमले में बाल-बाल बच गए। ऐसे ही एक कहानी मप्र के पांढुर्णा के शंकर नगर निवासी गुलशन मदान की है। गुलशन और उनका परिवार भी पहलगाम में मौजदू था।
गुलशन मदान ने कहा कि हमें समझ ही नहीं आया कि क्या करें। डर तो था ही, लेकिन जंगल का रास्ता ही एकमात्र विकल्प था। भगवान की कृपा रही कि हम समय पर वहां से निकल पाए। उन्होंने बताया कि मंगलवार दोपहर से बुधवार सुबह 5 बजे तक हम होटल के कमरे में बंद रहे। बाहर सुरक्षाबलों का घेरा था, रास्ते सील और हर तरफ सन्नाटा था। इससे बच्चे डरे हुए थे, महिलाएं लगातार प्रार्थना कर रही थीं। रातभर कोई नहीं सो पाया।
परिजनों की सांसें अटकी रहीं
इधर, घटना की जानकारी मिलते ही पांढुर्णा में मौजूद परिजन लगातार फोन पर संपर्क में बने रहे। गुलशन मदान का परिवार बुधवार शाम तक सुरक्षित जम्मू पहुंच गया, जहां से वे अपने घर के लिए रवाना हुए। पांढुर्णा में जैसे ही खबर फैली कि गुलशन मदान और उनका परिवार सुरक्षित है, शंकर नगर क्षेत्र में राहत की लहर दौड़ गई। स्थानीय लोगों ने कहा कि यह पूरी घटना एक चमत्कार से कम नहीं है।