A view of Ragigudda metro station at J.P. Nagar.
| Photo Credit: K. MURALI KUMAR
बेंगलुरु | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 10 अगस्त को बेंगलुरु में नम्मा मेट्रो की येलो लाइन का उद्घाटन करेंगे तथा मेट्रो फेज़ 3 (ऑरेंज लाइन) की आधारशिला रखेंगे। यह जानकारी आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर और बेंगलुरु दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या ने रविवार को साझा की।
इस बहुप्रतीक्षित आयोजन के तहत प्रधानमंत्री लगभग ₹15,611 करोड़ की लागत वाली 44.65 किलोमीटर लंबी ऑरेंज लाइन के निर्माण कार्य का शुभारंभ करेंगे, जो कि बेंगलुरु मेट्रो फेज़ 3 के अंतर्गत आएगी।
येलो लाइन: दक्षिण बेंगलुरु के लिए नया lifeline
येलो लाइन ₹5,056.99 करोड़ की लागत से तैयार हुई है और 19.15 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में 16 स्टेशन शामिल हैं। यह लाइन आर.वी. रोड से लेकर बोम्मासांद्रा तक फैली है और बीटीएम लेआउट, सिल्क बोर्ड, इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी जैसे अत्यधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को राहत देगी।
सेवा की शुरुआत और ट्रेन संचालन
येलो लाइन पर शुरुआती तौर पर तीन चालक रहित ट्रेनें चलेंगी, जो हर 25 मिनट के अंतराल पर उपलब्ध होंगी। ट्रेन आपूर्ति का कार्य टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (टीआरएसएल) द्वारा किया जा रहा है। अब तक तीन ट्रेन सेट आ चुके हैं, चौथा जल्द ही आ जाएगा।
पूर्ण संचालन क्षमता के तहत 15 ट्रेनें चलाई जाएंगी, जिससे आवृत्ति और यात्रियों की सुविधा में उल्लेखनीय सुधार होगा। यह सेवा अगले साल तक पूरी तरह से चालू हो सकती है।
क्यों हुई परियोजना में देरी?
येलो लाइन की परियोजना को 2017 में मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ था और इसे 2023 में चालू होना था। लेकिन ट्रेनों की आपूर्ति में देरी के कारण प्रोजेक्ट 2024 तक खिंच गया।
विलंब की एक अहम वजह 2019 में दिए गए चीनी कंपनी को ठेके से जुड़ी रही, जिसे गलवान घाटी घटना के बाद भारत सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया। इसके बाद, भारतीय कंपनी टीआरएसएल को यह कार्य सौंपा गया।
25 लाख लोगों को मिलेगा लाभ
तेजस्वी सूर्या के अनुसार, येलो और ऑरेंज लाइनें मिलकर बेंगलुरु दक्षिण के करीब 25 लाख लोगों को राहत देंगी, खासकर उन लोगों को जो रोजाना ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ वाली सड़कों से परेशान हैं।
यह परियोजना सिर्फ बेंगलुरु की ट्रैफिक व्यवस्था को नहीं, बल्कि शहरी भारत के बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।