आईएमएफ भी मान गया – भारत बना डिजिटल भुगतान में वैश्विक अग्रणी
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने यूपीआई को और अधिक सुरक्षित, प्रभावी और निर्बाध बनाने के लिए 1 अगस्त 2025 से नई गाइडलाइंस लागू करने का फैसला किया है। इन नियमों का उद्देश्य प्रणाली पर बोझ कम करना और धोखाधड़ी के जोखिम को घटाना है।
1. बैलेंस पूछताछ की सीमा
ग्राहक प्रत्येक यूपीआई ऐप से प्रति दिन अधिकतम 50 बार बैलेंस चेक कर सकेंगे।
इससे सिस्टम पर अनावश्यक लोड कम होगा।
2. लेनदेन स्थिति जानने का समय
अब उपयोगकर्ता लेनदेन की स्थिति लेनदेन शुरू/प्रमाणित होने के 45-60 सेकंड बाद देख सकेंगे।
इससे अनावश्यक ‘स्टेटस चेक’ कॉल्स में कमी आएगी।
3. ऑटोपे मैंडेट (UPI AutoPay) पर नियंत्रण
बिजली, पानी, OTT जैसी सेवाओं के लिए AutoPay मैंडेट अब केवल गैर-पीक घंटों में निष्पादित होंगे।
पीक घंटे:
सुबह 10:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक
शाम 4:00 बजे से रात 11:30 बजे तक
इन पीक समयों में गैर-ग्राहक-प्रारंभित लेनदेन (जैसे ऑटोपे) पर रोक रहेगी।
4. खाता सूची देखने की सीमा
ग्राहक प्रत्येक ऐप से 24 घंटे में अधिकतम 25 बार अपने बैंक खातों की सूची देख सकेंगे।
5. सिस्टम मॉनिटरिंग की सख्ती
पीएसपी और बैंक अब UPI API उपयोग की निगरानी करेंगे:
वेग (Velocity)
TPS (Transactions Per Second)
ग्राहक-प्रारंभित और सिस्टम-प्रारंभित अनुरोधों की अलग पहचान और उपयोग का पालन करना होगा।
आईएमएफ की रिपोर्ट में भारत की प्रशंसा
आईएमएफ की रिपोर्ट “बढ़ते खुदरा डिजिटल भुगतान: अंतर-संचालनीयता का महत्व” में कहा गया है कि UPI भारत को तेज़ डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में विश्व अग्रणी बना रहा है।
UPI न केवल तकनीकी नवाचार है, बल्कि यह वित्तीय समावेशन और पारदर्शिता का प्रतीक बन चुका है।