
नवरात्रि (Navratri 2025 )पर्व पर साबूदाना खिचड़ी और मट्ठा से हुई श्रद्धालुओं की सेवा
माखन नगर।नवरात्रि ( Navratri)के पावन अवसर पर माखन नगर में आस्था और सेवा का अद्भुत संगम देखने को मिला। जनपद पंचायत माखन नगर परिवार ने देवीधाम की ओर जा रहे श्रद्धालुओं के लिए विशेष भंडारे का आयोजन किया। इस दौरान भक्तों को साबूदाना खिचड़ी और मट्ठा का प्रसाद वितरित किया गया। आयोजन में क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु शामिल हुए और उन्होंने प्रसाद ग्रहण कर आत्मिक संतोष का अनुभव किया।
सरपंच, सचिव और कर्मचारियों की मौजूदगी
इस आयोजन की खास बात यह रही कि केवल औपचारिकता तक सीमित न रहते हुए पंचायत के सरपंच, सचिव और सभी कर्मचारी स्वयं सेवा में जुट गए। भक्तों को प्रसाद परोसते समय पंचायत परिवार के हर सदस्य के चेहरे पर सेवा और भक्ति का भाव स्पष्ट झलक रहा था। स्थानीय लोगों का कहना था कि आमतौर पर प्रशासनिक संस्थाएं ऐसे धार्मिक आयोजनों में केवल प्रतिनिधि भेजकर औपचारिकता निभाती हैं, लेकिन माखन नगर पंचायत परिवार ने खुद प्रसाद वितरण की जिम्मेदारी उठाकर मिसाल पेश की है।
श्रद्धालुओं को मिला संबल
नवरात्रि (navratri 2025) पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु देवीधाम की ओर पैदल या वाहनों से यात्रा करते हैं। लंबी यात्रा और धूप-गर्मी के कारण वे थकान और कमजोरी महसूस करते हैं। ऐसे में भंडारे में मिला प्रसाद और मट्ठा उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं था।एक श्रद्धालु ने कहा, “साबूदाना खिचड़ी हल्की और सुपाच्य होती है। व्रतधारी भक्तों के लिए यह सबसे अच्छा भोजन है। मट्ठा ने तो मानो हमारी थकान पूरी तरह मिटा दी। यह प्रसाद केवल भोजन नहीं, मां दुर्गा की कृपा का आशीर्वाद था।”
सामाजिक समरसता का संदेश
भंडारे में समाज का हर वर्ग शामिल हुआ। महिलाएं, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग सभी एक ही पंक्ति में बैठकर प्रसाद ग्रहण करते दिखे। एक ही थाली में बैठकर भोजन करने की यह परंपरा सामाजिक समरसता और समानता का प्रतीक है। पंचायत परिवार के इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि धर्म और आस्था केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे समाज को जोड़ने और भाईचारा बढ़ाने का माध्यम भी हैं।
प्रशासनिक संस्थाओं की नई पहचान
जनपद पंचायत द्वारा किया गया यह आयोजन प्रशासनिक संस्थाओं की एक नई संवेदनशील छवि को सामने लाता है। आमतौर पर पंचायतें सड़क, पानी, बिजली या विकास योजनाओं तक सीमित दिखाई देती हैं, लेकिन माखन नगर पंचायत ने दिखा दिया कि प्रशासन समाज के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो सकता है। यह पहल न केवल क्षेत्र के लोगों को प्रभावित कर रही है बल्कि अन्य पंचायतों और प्रशासनिक इकाइयों के लिए भी एक प्रेरणादायी उदाहरण बन रही है।
सेवा और सहयोग की मिसाल
भक्तों ने प्रसाद ग्रहण करने के बाद इसे सेवा और भक्ति का अद्भुत संगम बताया। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि यह अनुभव उनके लिए अविस्मरणीय रहेगा। एक बुजुर्ग श्रद्धालु ने कहा, “हमने कई बार यात्रा मार्ग में भंडारे देखे हैं, लेकिन पंचायत के लोग स्वयं सेवा करते हुए पहली बार देख रहे हैं। यह हमें बहुत अच्छा लगा। यह आयोजन सेवा, सहयोग और भक्ति का सच्चा उदाहरण है।” वहीं, पंचायत परिवार के सदस्यों ने कहा कि उन्हें भी इस सेवा से आत्मिक संतोष मिला। उनके अनुसार, भक्तों की सेवा करना सबसे बड़ा सौभाग्य है।
नवरात्रि (Navratri 2025) और प्रसाद का महत्व
हिंदू धर्म में नवरात्रि ( Navratri) का विशेष महत्व है। इन नौ दिनों में भक्त मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं और उपवास रखते हैं। इस दौरान दिया जाने वाला प्रसाद केवल भोजन नहीं माना जाता, बल्कि मां की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक होता है। साबूदाना खिचड़ी और मट्ठा का प्रसाद न केवल व्रतधारियों के लिए उपयुक्त है, बल्कि यह ऊर्जा और ताजगी प्रदान करने वाला आहार भी है। यह चयन दर्शाता है कि पंचायत परिवार ने भक्तों की सुविधा और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा।
भक्तों की प्रतिक्रियाएँ
भक्तों ने आयोजन की खुलकर सराहना की।
- एक महिला श्रद्धालु ने कहा, “जब हम देवीधाम की ओर जा रहे थे, तब यह प्रसाद हमारे लिए वरदान साबित हुआ। यह सेवा हमारी यात्रा को आसान बना गई।”
- एक युवक ने कहा, “आज के समय में जब लोग व्यस्तता में एक-दूसरे की मदद कम कर पाते हैं, ऐसे में पंचायत का यह सामूहिक प्रयास समाज के लिए प्रेरणादायी है।”
व्यापक संदेश
यह आयोजन केवल एक भंडारा या प्रसाद वितरण नहीं था, बल्कि समाज को यह संदेश देने का माध्यम था कि सच्ची भक्ति सेवा में निहित है। जब हर वर्ग के लोग मिलकर समाज की भलाई के लिए काम करते हैं, तो न केवल भक्तों की कठिनाई दूर होती है बल्कि समाज भी एकजुट होता है।
नवरात्रि (Navratri) पर्व पर माखन नगर जनपद पंचायत परिवार का यह आयोजन क्षेत्र की धार्मिक और सामाजिक परंपरा में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ता है। साबूदाना खिचड़ी और मट्ठा का प्रसाद केवल शरीर को ऊर्जा देने वाला भोजन नहीं था, बल्कि यह आस्था, सेवा, सहयोग और सामाजिक एकता का प्रतीक था। यह आयोजन यह संदेश देता है कि प्रशासन और समाज अगर मिलकर काम करें, तो न केवल विकास कार्य बल्कि धार्मिक-सामाजिक गतिविधियाँ भी नई ऊँचाइयाँ छू सकती हैं।
माखन नगर पंचायत परिवार ने यह सिद्ध कर दिया कि सेवा ही सच्चा धर्म है, और भक्तों की सेवा
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