माखननगर/ दीपक शर्मा: शहर में इन दिनों यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाकर नाबालिग बच्चे फर्राटे से वाहन चला रहे हैं।
सड़कों पर तेज रफ्तार वाहन दौड़ाते ये नाबालिग न केवल आवागमन में परेशानी पैदा कर रहे हैं, बल्कि दूसरों के साथ खुद भी जान जोखिम में डाल रहे हैं। इसको लेकर पुलिस की ओर से कई बार परिजनों को समझाइश भी दी गई लेकिन उसका कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है।
शहर के व्यस्त मार्गों में तेज रफ्तार के साथ बाइक में तीन सवारी करते दिखाई देना आम बात हो गई है। सड़क पर पैदल चलने वाले आम नागरिक के लिए ये खतरनाक साबित हो रहे हैं। नाबालिग बेखौफ होकर बाइक दौड़ा रहे हैं। स्कूल तक यह वाहन लेकर जाते हैं। परिवहन विभाग के मुताबिक 16 साल या इससे ऊपर के बच्चों का ही वाहन का लाइसेंस बनाया जाता है। यह लाइसेंस भी 50 सीसी इंजन तक का बनता है। बिना लाइसेंस के वाहन चलाना गलत है। 18 की उम्र होने पर ही दोपहिया वाहन का लाइसेंस बनाया जा सकता है। घर व स्कूल से निकालने के बाद वह तेज बाइक चलाना और स्टंट करना उनके लिए आम बात हो गई है।
इन सबके कहीं-न-कहीं अभिभावक और पुलिस प्रशासन भी जिम्मेदार है। शहर के बड़े स्कूलों में बड़ी संख्या छात्र-छात्राएं ऐसे हैं जो स्कूल जाने में दोपहिया वाहनों का प्रयोग कर रहे हैं। ये विद्यार्थी बिना किसी हेलमेट, लाइसेंस के स्कूलों में जा रहे हैं। स्कूल प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।