दीपकशर्मा / माखननगर : रेत के खेल में इस समय सभी रंगे हुए हैं, यही कारण है कि जिले में अवैध उत्खनन लाख प्रयास के बाद भी नहीं रुक पा रहा है। जिले की माखननगर जावली में सिल्वर मिस्ट रिटेल प्रा.लि.कंपनी ने ठेका लिया हुआ है और माखननगर की यही खदान इस समय चालू है। लेकिन उक्त कंपनी द्वारा ही राल्यटी चोरी का खेल चल रहा है। यह अवैध उत्खनन बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से धडल्ले से संचालित हो रहा है।कंपनी की वैध खदान होने के बाद भी उक्त कंपनी की मिलीभगत से धडल्ले से अवैध रूप से रेत का उत्खनन करने में लगी हुई है। अवैध रेत के उत्खनन के कारण शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा हैै।
रॉयल्टी के नाम पर खेला जा रहा खेल
रेत नीति के हिसाब से जिस स्थान से रेत का खनन किया जाता है उससे 5 से 7 किमी तक के क्षेत्र में ठेकेदार रेत का डंप कर सकता है। सूत्रों का कहना है कि जावली खदान में सिर्फ कागजों में नाम से रेत का डंप दर्शाया गया है जबकि रेत सीधे नदियों से निकाल कर सप्लाई किया जा रहा है। जब इसबात की सूचना देनवापोस्ट को मिली तो शनिवार को तहकीकात करने टीम मौके पर पहुंची जहां तीन डंफर खदान से रेत लेकर निकल रहे थे, जिनके नंबर क्रमश: एमपी 37 जीए 1449, एमपी 34 एच 0644 एवं एमपी04एचई7776। जिसमें से सिर्फ एक डंफर एमपी 37 जीए 1449 के पास रॉयल्टी मिली वह भी सुलतानगंज खदान की थी जिसमें 17 फरवरी 2024 शाम 4:23 समय लिखा हुआ था। वही डंफर क्रमांक एमपी 34 एच 0644 की 29 अक्टूबर 23 के बाद कोई रॉयल्टी ही नही बनी है और बात करे डंफर एमपी04एचई7776 की तो इस डंफर की सिंतबर 2022 के बाद कोई रॉल्यटी ही नही बनाई गई।यह तीनो डंफर जावली की खदान से बिना रॉयल्टी के रेत ले जा रहे थे। जावली में जो खदान संचालित हो रही है वहां पर रॉयल्टी जो खेल चल रहा हैं। इसकी जानकारी खनिज विभाग को होना चाहिए ओर उसकी जांच भी करना चाहिए, लेकिन खनिज विभाग कागजो में जांच कर संबंधित को मुनाफा कमाने का खुलकर मौका देने में लगा हुआ है। हालत यह है कि अंचल में रेत के खेल में हर कोई रंगा हुआ है जिसके कारण चाहकर भी रेत का अवैध उत्खनन बंद नहीं हो पा रहा है।
आखिर रेत के अवैध कारोबार में किसका संरक्षण?
अंचल मेें रेत के अवैध उत्खनन को लेकर लम्बे समय से आवाज उठती रही है ओर कांग्रेस के विधायक प्रत्याशी पुष्पराज पटैल सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर कई बार लिख भी चुके हैै। इसके बाद भी रेत का अवैध कारोबार नहीं रुक पा रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि रेत के अवैध कारोबार में किसी न किसी का संरक्षण मिल रहा है जिसके कारण अवैध उत्खनन करने वालो को किसी तरह का भय नहीं है।
फर्म की खदान वैध फिर रॉयल्टी क्यो नही
नर्मदापुरम जिले की जावली में जिस कंपनी के पास रेत का ठेका है उसकी खदान वैध है इसके बाद भी जिस तरह से अवैध रूप से रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है उससे शासन को करोड़ों का चूना लग रहा है, लेकिन इसके बाद भी सख्ती नहीं दिखाई दे रही है। जिस तरह से अवैध तरीके रेत का उत्खनन चल रहा है।
माईनिंग अधिकारी ने मामले पर साधी चुप्पी
जब देनवापोस्ट इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी देवेश मरकाम को जब भी मोबाईल लगाया गया उन्होने मोबाईल उठाना उचित नही समझा इससे यह कहना गलत नही होगा की अधिकारियों की मिली भगत से ही खदान में रॉयल्टी का खेल खेला जा रहा है।