Narmadapuram News : मूंग खरीदी पर अभी संशय, पहले दिन के हाल

सरकार द्वारा भले ही 7 जुलाई से मूंग खरीदी किए जाने का दावा किया जा रहा था, लेकिन सोमवार को पहले दिन ही सरकार किसानों का मूंग नहीं खरीद सकी। अभी भी खरीदी को लेकर संशय नजर आ रहा है। इसके पीछे बड़ा कारण सर्वेयरों की नियुक्ति नहीं होना, जिले में केंद्रों का निर्धारण नहीं होना और केंद्रों पर बारदान व कांटे सहित अन्य व्यवस्थाएं मौजूद नहीं होना हैं। हालांकि कृषि विभाग मूंग खरीदी किए जाने की बात कह रहा है। इसके विपरीत व्यवस्थाओं का अभाव यह स्पष्ट कर रहा है कि मूंग खरीदी में अभी भी तीन से चार दिन लग सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा किसानों के लंबे विरोध के बाद समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग खरीदी किए जाने का निर्णय लिया था। पिछले दिनों आए आदेश के तहत प्रति हेक्टेयर 12 क्विंटल की दर से किसानों से मूंग की खरीदी की जाएगी। किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा घोषित की गई उपार्जन नीति हमारे हित में नहीं हैं। इस बार मौसम की अनुकूलता के चलते मूंग का बेहतर उत्पादन हुआ है। किसानों के मुताबिक प्रति एकड़ 6 से 8 क्विंटल मूंग का उत्पादन हुआ है। इस हिसाब से प्रति एकड़ 4 क्विंटल 80 किलो मूंग की खरीदी किसानों के हित में नहीं है।

पूरे जिले में बने 94 केंद्र, अब तक नहीं हुई सर्वेयरों की नियुक्ति

जानकारी के मुताबिक संपूर्ण जिले के किसानों द्वारा 90 हजार हैक्टेयर में मूंग का पंजीयन कराया गया है। मूंग उपार्जन के लिए 94 केंद्रों की स्थापना की गई । दूसरी ओर अभी तक मूंग खरीदी के लिए सर्वेयरों की नियुक्ति भी नहीं की गई है। सर्वेयर नियुक्त नहीं होने की स्थिति में एफएक्यू मूंग का निर्धारण कौन करेगा। इसके अतिरिक्त गोदामों पर अभी तक बारदाना, हम्माल व तौल कांटा भी नहीं पहुंच पाया है। उक्त व्यवस्था में अभी भी तीन से चार दिन का समय लगना लाजमी है।

गोदाम संचालकों का विरोध, लगातार बरसात से बढ़ेगी मुसीबत

मूंग खरीदी से पूर्व ही गोदाम संचालकों द्वारा अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों को उपार्जन नीतियों में संशोधन किए जाने के संबंध में ज्ञापन सौंपा जा चुका है। लेकिन सरकार ने इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है। गोदाम संचालकों का कहना है कि क्षेत्र में एक पखवाड़े से बरसात का दौर जारी है, जिससे मूंग में नमी अधिक निर्मित हो चुकी है। यदि मूंग की खरीदी करते हैं तो मूंग सूखेगा, जिसका खामियाजा हमें ही भुगतना होगा। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा मूंग का किराया भी अब तक नहीं दिया गया है। साथ ही सरकारी सर्वेयरों की नियुक्ति नहीं किए जाने व पूरी जिम्मेदारी में अंत में वेयर हाउस मालिक पर ही सौंपे जाने का विरोध संचालकों द्वारा किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में भी मूंग खरीदी पर संशय की स्थिति निर्मित हो रही है।

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