Narmadapuram : केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक देश में मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा प्रमुख ग्रीष्मकालीन मूंग उत्पादक राज्य हैं। इनमें भी देश एवं प्रदेश में सबसे अधिक मूंग फसल लेने वाला जिला नर्मदापुरम (होशंगाबाद) है। यहां 2 लाख 95 हजार हेक्टेयर में मूंग का उत्पादन किया जाता है। इस वर्ष 4.25 लाख मेट्रिक टन से अधिक मूंग का उत्पादन इसी जिले में हुआ है। नर्मदापुरम जिले ने गेंहू के बाद मूंग का सर्वाधिक उत्पादन करने में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए देश में सर्वाधिक मूंग उत्पादन करेन वाल जिला बन गया है।
मध्यप्रदेश में इस बार मूंग की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। पिछले साल की तुलना में इस बार 17 फीसदी अधिक मूंग की खरीदी की गई है। राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित यानी मार्कफेड ने बीते साल 4.74 लाख मेट्रिक टन मूंग की खरीदी की थी, जो इस बार बढ़कर 5.56 लाख मेट्रिक टन खरीदी हुई। प्रदेश के 32 मूंग उत्पादक जिलों में 1 लाख 74 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य 7755 रूपए प्रति क्विंटल पर अपनी मूंग सरकार को बेची हैं। खरीदी गई मूंग की कीमत 3390 करोड़ है। इनमें से 2800 करोड़ का भुगतान हो चुका है। वहीं 479 करोड़ का भुगतान भी जल्द होने वाला है। यह मूंग खरीद का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
किसानों को लाभ के कारण बढ़ गया रकबा
प्रदेश का किसान किस तेजी से मूंग को तीसरी फसल के रूप में अपना रहा है, इसका उदाहरण है कि एक साल में ही प्रदेश में मूंग का रकबा 1.5 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गया है। वर्ष 2023 में लगभग 10 लाख 79 हजार हेक्टेयर में मूंग की फसल ली गई। बीते वर्ष 2022 में 9.29 लाख हेक्टेयर में मूंग फसल ली गई थी। समर्थन मूल्य में बेहतर कीमत मिलने से किसानों को लाभ हुआ, इसे देखते हुए लगातार इसके लक्ष्य में वृद्धि हो रही है।
किसान तीसरी फसल के रूप में तेजी से अपना रहे
किसानों को मुनाफा देने वाली फसल मूंग है, जिसे प्रदेश के किसान अपनाने लगे हैं। इस फसल को लेने में 60 दिन लगते हैं और समर्थन मूल्य पर अच्छा रेट मिलने से किसानों को खासा मुनाफा भी हो रहा है। यही कारण है कि किसान इसे तीसरी फसल के रूप में तेजी से अपना रहे हैं।