नेहरू की तस्वीर हटाने का विवाद
कांग्रेस नेहरू की तस्वीर को दोबारा लगाने की मांग कर रही है। कांग्रेस ने तस्वीर हटाने को देश के पहले प्रधानमंत्री का अपमान बताया है। वहीं, दूसरी तरह से इसे भाजपा का आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा है। भाजपा की रणनीति बाबा साहब को अपना बना दलितों को साधना है। अभी अनुसूचित जाति के वोट बसपा को जाता है, लेकिन उसके कमजोर पड़ने पर यह वोट कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हो जाता है। इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा को आदिवासी वोटरों को जबरदस्त साथ मिला है। अब पार्टी दलित वोटारों को अपने पास से छिंटकने नहीं देना चाहती है। इसी रणनीति के तहत भाजपा ने बाबा साहब आंबेडकर को आगे कर दिया है।
पूर्व स्पीकर ने लिया था फैसला
उधर, बढ़ते विवाद के बीच विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव एपी सिंह का कहना है कि यह निर्णय पिछली विधानसभा के स्पीकर गिरीश गौतम ने लिया था। उन्होंने निरीक्षण कर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे। इसके बाद उन्होंने तस्वीर लगाई। राजनीतिक आरोप पर वे कुछ कह नहीं सकते।
प्रदेश में 70 लाख दलित वोटर
प्रदेश में करीब 70 लाख दलित वोटर हैं। इनके लिए प्रदेश की 230 सीटों में से 35 सीटें आरक्षित हैं। इसमें से भाजपा ने इस विधानसभा चुनाव में 26 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसमें भी 20 सीटों पर पार्टी को 50 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर मिला है। इसमें से चार सीटों को छोड़ बाकी सभी सीटें 10 हजार से अधिक वोटों से जीती है। पार्टी अब इस वोट को लोकसभा चुनाव में भी अपने साथ जोड़े रखना चाहती है। ताकि प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर बढ़े मार्जिन से जीत हासिल कर सके। अभी भाजपा के पास छिंदवाड़ा को छोड़ 28 लोकसभा सीटें हैं।
पार्टी लंबे समय से एक्टिव
भाजपा ने आदिवासी वोटरों को साधने के लिए विधानसभा चुनाव से दो साल पहले तैयारी शुरू की थी। इसके लिए जबलपुर से लेकर भोपाल तक कई बड़े आयोजन किए। योजनाओं के साथ हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति के नाम पर रखा गया। इसी रणनीति पर दलितों को साधने की भी तैयारी है। चुनाव से पहले सागर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत रविदास के मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन किया। दलित बाहुल्य जिलों से समरसता यात्राएं निकाली गईं। महू में डॉ. बाबा साहब अंबेडकर की जयंती पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है।
एक डिप्टी सीएम दलित बनाया
मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री के अलावा दो डिप्टी सीएम बनाए गए हैं। इसमें एक डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा अनुसूचित जाति वर्ग से हैं। पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण को साध कर चल रही है। ऐसी चर्चा है कि जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन बैठाने की वजह से ही प्रदेश में मंत्रिपरिषद का विस्तार अटक गया है।
अंबेडकर दलितों में सर्वमान्य
डॉ. बाबा साहब अंबेडकर ने उपेक्षितों, दलितों, शोषितों में सम्मानपूर्वक जीने की ललक जगाई। इसलिए अंबेडकर दलितों में सर्वमान्य है। दलित वोटरों को पहुंचने के लिए बाबा साहब अंबेडकर ही जरिया है। इसलिए पार्टी ने नेहरू की तस्वीर हटाकर बाबा साहब अंबेडकर को आगे किया है। इसका कांग्रेस भी खुल विरोध नहीं कर सकेगी। महात्मा गांधी, सरदार पटेल के बाद भाजपा डॉ. बाबा साहब अंबेडकर को अपना बता रही है। पार्टी को पता है कि सीधे वह दलितों के दिल पर राज करेगी।