
वल्लभ भवन, भोपाल
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प्रदेश में अब तक लगभग आठ हजार अवैध कॉलोनियां चिन्हित की जा चुकी हैं। इनमें से 600 से अधिक कॉलोनाइजरों पर एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि, निकाय अधिकारियों की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कार्रवाई अपेक्षाकृत धीमी रही है। सरकार अब कड़े नियम और कानून बनाने की तैयारी कर रही है, ताकि अवैध कॉलोनियों पर प्रभावी नियंत्रण रखा जा सके। इसके लिए वार्ड प्रभारी को जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे अवैध कॉलोनियों के निर्माण होते ही उन पर कार्रवाई करें।
अवैध कॉलोनियों के खिलाफ सजा और जुर्माने का प्रस्ताव
सरकार अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कड़े कानूनी प्रावधान बनाने जा रही है। इसके तहत अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर कॉलोनाइजरों के खिलाफ जुर्माना और सजा का प्रावधान किया जाएगा। जुर्माना 50 लाख रुपये तक हो सकता है, जबकि कॉलोनाइजर को 10 साल तक की सजा भी हो सकती है। हालांकि, इन दंड और सजा के प्रावधानों पर अंतिम निर्णय कैबिनेट द्वारा लिया जाएगा। प्रदेश के बड़े शहरों में अवैध कॉलोनियों का निर्माण सबसे अधिक भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में हुआ है। इंदौर में 200 से अधिक कॉलोनाइजरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं, जबकि भोपाल और ग्वालियर में भी इस समस्या का सामना किया जा रहा है। हाल ही में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्यवाही की समीक्षा की और निकायों से इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही। मंत्री ने कहा कि अवैध कॉलोनियों के खिलाफ मुहिम चलाकर साइन बोर्ड लगाए जाएं, ताकि लोग इन कॉलोनियों से बच सकें और बिना जानकारी के इन क्षेत्रों में निवेश न करें।