
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
संवेदना और अपनत्व के बिना सेवा संभव नहीं है। सेवा के बिना जीवन सार्थक नहीं होगा। भारतीय समाज और भारत के मूल में सेवा का भाव समाहित है। एक ही चेतना सभी प्राणियों में व्याप्त है। यह भारतीय संस्कृति का मूल विचार है। जिस तरह लाल रंग हरी मेहंदी के पत्ते में समाहित है, लेकिन दिखता नहीं है, उसी प्रकार परमात्मा प्रत्येक मनुष्य में हैं लेकिन दिखाई नहीं देता। सेवा और साधना से मनुष्य का योगदान दिखाई देता है। यह बातें रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल में जी-20 के तहत आयोजित सेवा-20 की बैठक के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कही हैं। मुख्यमंत्री ने कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित जी-20 के तहत सेवा-20 की बैठक में अलग-अलग क्षेत्र में सेवा के उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेश के चयनित 16 सेवा योगियों को सम्मानित किया गया है। 20 लोगों को सेवा योगी के लिए चयनित किया गया था, लेकिन 4 लोग उपस्थित नहीं हो सके थे। मुख्यमंत्री ने समारोह में सेवा को समर्पित दो पुस्तकों ‘सेवा, सुशासन और सहभागिता के 2 दशक’ और ‘सेवा-सेंस ऑफ सर्विस: कॉम्पेंडियम ऑफ प्रैक्टिसेज अक्रॉस जी -20 कन्ट्रीजश’ का विमोचन किया।
यह बैठक विश्व बंधुत्व को सशक्त बनाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मनुष्यों के साथ ही पशु पक्षियों और पर्यावरण की रक्षा के लिए भी सजग रहते हैं। जन्म से ही सेवा की घुट्टी पिलाई जाती है। जियो और जीने दो का भाव मन में होता है। बिना संवेदना और अपनत्व भाव के सेवा नहीं हो सकती। देश के हर गांव और कस्बे में कथाएं होती हैं, तो कहा जाता है धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो और विश्व का कल्याण हो। यह मंत्र भारत ने ही दिया है। हमारे संतों ने हजारों साल पहले कहा कि सभी प्राणी सुखी हों, इसके लिए हम मन में बंधुत्व का भाव रखें। यह सेवा समिट विश्व मानवता, विश्व बंधुत्व और सेवा के भाव को सशक्त बनाएगा। यह भाव जीवन को सार्थक बनाता है। सीएम ने कहा कि पेड़ लगाने का कार्य आचरण में हो, भाषण में नहीं, तभी हमारी भूमिका सार्थक होगी। अन्य लोग भी ऐसे कार्यों से प्रेरित होते हैं। कार्यक्रम में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे सहित अनेक अतिथि उपस्थित थे।
डॉ. सहस्रबुद्धे बोले- मुख्यमंत्री मूलत: सेवा योगी
सेवा-20 की बैठक में भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मूलत: सेवा योगी हैं। दो दशक से प्रदेश की सेवा करते हुए जनता के साथ अपनत्व का रिश्ता बनाया है। जनता को अपने साथ जोड़ते हैं इसलिए प्रदेश के मामा कहलाते हैं। सेवा करना हमारी संस्कृतिव का अभिन्न हिसा रहा है। जी-20 में सेवा का विषय शामिल किया जाना अपने आप में गर्व की बात है। भारत में हुए सेवा सम्मेलन में वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश पूरे विश्व को प्रेरणा देगा।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले 16 सेवा योगी सम्मानित
अलग-अलग क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 16 सेवा योगियों को शाल और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में डॉ. अंबर पारे, जीशान निज, प्रमांशु शुक्ला, मोहन सोनी, सैयद शाहिद मीर, मनीष भावसार, सुनीता भुविस्टाले, शिवराज खुशवा, पद्मश्री उमाशंकर पांडे, पूनम चंद गुप्ता, पराग दीवान, जयराम मीना, रीतेश क्षोत्रिय, विनोद तिवारी, डॉ. सपन कुमार (पत्रलेख) और सुश्री दीप माला पांडे शामिल हैं।
सेवा वर्किंग ग्रुप ने की 7 अनुसंशाएं
– राष्ट्रों के बीच क्रॉस-कंट्री लर्निंग, सहयोग और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए जी 20 देशों से अनुकरणीय सेवा प्रथाओं का संकलन करना
– सुधैव कुटुम्बकम के दर्शन को बढ़ावा देने वाले नागरिक समाजों/स्वैच्छिक संगठनों का एक वैश्विक नेटवर्क स्थापित करना ताकि विश्व स्तर पर सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके।
– सामाजिक कार्यों में बड़े पैमाने पर भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तरीय सेवा अभियान का आयोजन करना
– सार्थक जीवन को बढ़ावा देने के लिए एक नीति/मॉड्यूल विकसित करना और सेवा को स्वयंसेवा और परोपकार जैसी निस्वार्थ सेवा के लिए एक समावेशी शब्द के रूप में स्थापित करना
– सेवा का सभी परियोजनाओं और कार्यक्रमों के लिए एक विकास उपकरण के रूप में कार्य करना। इसका उद्देश्य विश्व स्तर पर सेवा की सुविधा के लिए व्यक्तियों और सीएसओ का एक वैश्विक गठबंधन स्थापित करना भी है।
– सिद्धांत और व्यवहार के बीच की खाई को पाटने और स्वयंसेवी गतिविधियों में बच्चों और युवाओं को शामिल करने के लिए अकादमिक पाठ्यक्रमों में सेवा मॉड्यूल की शुरुआत करना।
– राष्ट्र-निर्माण के लिए बुजुर्गों और सेवानिवृत्त लोगों के कौशल और ज्ञान का उपयोग करके, बुजुर्ग आबादी के लिए एक मजबूत समर्थन प्रणाली स्थापित करना शामिल है।
जनजातीय संग्रहालय और सांची स्तूप का किया भ्रमण
जी-20 देशों से आए प्रतिनिधियों ने प्रदेश की संस्कृति और इतिहास से परिचय करने भोपाल के ट्राइबल संग्रहालय और सांची स्तूप का भ्रमण किया। आयोजन स्थल पर रिस्पांसिबल टूरिज्म मिशन और सेवा क्षेत्र में कार्य करने वाले संगठनों के कार्य की प्रदर्शनी लगाई गई। जनजातीय संग्रहालय से स्थानीय जनजातीय संस्कृति और सांची स्तूप ने प्रदेश के ऐतिहासिक वैभव से साक्षात्कार हुआ। प्रदर्शनी में एकात्म धाम, संस्कृति विभाग, पर्यटन विभाग, गोंड पेंटिंग, वनवासी कल्याण परिषद, नर्मदा समग्र, भारत विकास परिषद, शिवगंगा समग्र ग्राम विकास परिषद जैसे सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं के पदाधिकारियों ने प्रदेश में हो रहे सेवा कार्यों के बारे में जानकारी दी और साथ ही प्रदेश की कला और हस्तशिल्प से परिचय करवाया।