भोपाल में एक मई से पार्थ योजना का शुभारंभ किया जाएगा। यह योजना पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, मुरैना, शहडोल, सागर, इंदौर और उज्जैन में शुरू होगी। योजना के तहत प्रत्येक स्थान से 50-50 बच्चों का चयन किया जाएगा, जिन्हें खेल प्रशिक्षण का लाभ मिलेगा। इस योजना के माध्यम से लगभग 450 बच्चे लाभान्वित होंगे।
प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने योजना की समीक्षा बैठक में कहा कि शुरूआत से पहले चयनित स्थानों के कलेक्टरों से चर्चा की जाएगी। अधिकारियों को भोपाल से स्थानों पर आवश्यक तैयारियों का जायजा लेने भेजा जाएगा, ताकि स्ट्रक्चर और इंफ्रास्ट्रक्चर का आकलन किया जा सके। योजना के सफल संचालन के लिए एसओपी तैयार करने और पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
मंत्री ने कहा कि प्रशिक्षण सप्ताह में छह दिन दिया जाएगा और रविवार को बच्चों को स्वैच्छिक शारीरिक गतिविधि करने की स्वतंत्रता होगी। साथ ही, उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों की पात्रता, शैक्षणिक योग्यता, आयु, शुल्क, प्रशिक्षकों के मानदेय और अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की। सारंग ने स्कूलों के लिए ‘खेलो-बढ़ो’ अभियान के तहत कैलेंडर बनाने और मास्टर ट्रेनरों की ट्रेनिंग कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा, बच्चों को नामी खिलाड़ियों से मिलने का अवसर देने की योजना बनाई गई है, ताकि वे प्रेरित हो सकें। बैठक में अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव और खेल संचालक राकेश गुप्ता भी उपस्थित थे।