
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद अब AICC का फोकस मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। इसके चलते 4 राज्यों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों को पहले ही मध्य प्रदेश चुनाव के लिए ऑब्जर्वर बनाया गया है। चारों पर्यवेक्षकों के सामने आज पीसीसी चीफ कमलनाथ के निवास पर एमपी जीतने के प्लान पर चर्चा की गई।
बताया जा रहा है कि इस बैठक में कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की रणनीति बनाने वाले सुनील कानगोलू को लेकर भी चर्चा की गई। इसी महीने के अंत तक प्रदेश में रणनीति बनाने के लिए वे अपना डेरा यहां पर डाल सकते हैं। बता दे AICC ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर, गुजरात प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोरवाडिया, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप टम्टा को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव लिए पर्यवेक्षक बनाया है।
कर्नाटक चुनाव की तर्ज पर हो सकता है टिकट बांटने का काम
सूत्रों की माने तो कांग्रेस की सलाहकार समिति की बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि जिस प्रकार से कर्नाटक में कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने टिकटों का वितरण किया। उसी तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी टिकटों का वितरण किया जाएगा। हालांकि इस पर अभी कोई सहमति नहीं बनी है। बताया जाता है कि सिंधिया समर्थकों के भाजपा में जाने के बाद अब कांग्रेस में टिकटों के वितरण में कोई समस्या नहीं आएगी। इसलिए प्रदेश कांग्रेस टिकट बंटवारे को लेकर चिंतित दिखाई नहीं दे रही है। पीसीसी चीफ कमलनाथ पहले ही कह चुके हैं कि सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जीतने वाले उम्मीदवार को ही टिकट दिया जाएगा।
एमपी कांग्रेस के युवा नेता जीतू पटवारी व कुणाल चौधरी कर्नाटक चुनाव में रहे सक्रिय
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस को शानदार जीत मिली है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की इस जीत में मध्य प्रदेश के 5 विधायकों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इन सभी ने कर्नाटक में कई दिन बिताए और उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई थी उसे बखूबी निभाया। इसमें प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी और बाला बच्चन के साथी युवा विधायक कमलेश्वर पटेल उमंग सिंगार को यहां पर AICC ओर से भेजा गया था। प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और विधायक कुणाल चौधरी भी यहां पर सक्रिय दिखाई दिए।