बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बायसन की गणना की जा रही है।
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बता दें कि बायसन की गणना में टाइगर रिजर्व के लगभग सात सौ कर्मचारी लगे हुए हैं। जो कि अब बायसन को देखने के बाद ही उनकी फोटो और स्थान और समय को प्रपत्र में भरेंगे। अगले तीन दिनों तक बायसन की गणना होगी। उसके बाद आंकड़ों को मुख्य कार्यालय में एकत्रित किया जाएगा। इसके बाद 2023 में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बायसन के आंकड़े अब सामने आएंगे।
सुबह 6 से 9 बजे पैदल होगी गणना
जानकारी के अनुसार अब बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सभी परिक्षेत्र के अधिकारी और कर्मचारी बायसन की गणना के लिए सुबह 6 से 9 बजे तक पैदल घूमेंगे। ये लोग बायसन दिखने पर फोटो, जीपीएस लोकेशन और समय के साथ प्रपत्र को इसमें भरेंगे और 25 नवंबर को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कार्यालय में आंकड़ों को भी भेजेंगे।
चार वर्षों में होती है बायसन की गणना
जानकारी के अनुसार 2012 में कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से बायसन को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व को लाकर बसाया गया था। वहीं अब उसके बाद बायसनो में लगातार वृद्धि भी देखी गई है। चार वर्षों में बायसन की गणना होती है। वहीं बायसन मुख्य रूप से ताला, मगधी और कल्लवाह परिक्षेत्र में देखने को मिलते हैं। जहां बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 2023 में लगभग डेढ़ सौ बायसन होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
इनका कहना है
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की सहायक संचालक विवेक सिंह ने बताया कि बांधवगढ टाइगर रिजर्व में तीन दिवसीय गौर गणना की जा रही है। आंकड़े एकत्रित करने के बाद बांधवगढ टाइगर रिजर्व में बायसन के आंकड़े सामने आएंगे। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सभी परिक्षेत्र के अधिकारी कर्मचारी गौर (बायसन) गणना में लगे हुए हैं।