Mp Lok Sabh Election History: मुख्य दलों के अलावा अन्य राजनीतिक दल वोट बांटने में विफल रहे

मप्र लोकसभा चुनाव।

मध्य प्रदेश का 2000 में विभाजन कर छत्तीसगढ़ का गठन किया गया। छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद मध्य प्रदेश में लोकसभा की 40 में से 29 सीटें रह गईं। परिसीमन होने के बाद कुछ क्षेत्रों का नाम बदला और कुछ को अन्य क्षेत्रों में सम्मिलित किया गया। मध्य प्रदेश में आजादी के बाद 1951-52 के चुनाव में कांग्रेस, भारतीय जनसंघ, स्वतंत्र पार्टी, रामराज्य पार्टी, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी और हिंदू महासभा ही प्रदेश में मुख्य दल थे, लेकिन समय से साथ चुनावों में उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि होती गई। इसी के साथ देश में राजनीतिक दलों की संख्या में भी बढ़ोतरी हर चुनाव में होती रही।

1957 में मध्य प्रदेश में आठ राजनीतिक दलों के 121 उम्मीदवारों ने चुनाव में अपना भाग्य आजमाया था। अब यह संख्या कई गुना बढ़ गई है। इसी के साथ राजनीतिक दलों के रोचक नाम और उन्हें प्राप्त मत यह दर्शाते हैं कि मतदाता मुख्य राजनीतिक दलों को ही मत देता है। अन्य दलों को बहुत कम वोट नसीब होते हैं। 2004 के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में मुख्य दल कांग्रेस व भाजपा के अलावा अन्य राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त दलों के 157 उम्मीदवार मैदान में थे। ये दल प्रदेश के कुल वैध मतों में से सिर्फ 6.29 प्रतिशत मत ही हासिल कर सके थे।

2019 में 80 दल थे

2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में 80 राजनीतिक दल चुनाव मैदान में थे और प्रदेश में कुल 438 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें से 29 विजयी रहे थे। प्रदेश में चार या पांच से अधिक राजनीतिक दलों के नाम मतदाता जानते भी नहीं हैं, पर चुनाव में 80 राजनीतिक दलों को मान्यता प्राप्त हुई थी। देश के संसदीय चुनाव में वर्ष 1996 एक ऐसा चुनावी साल रहा जिसमें देश भर में 13,952 उम्मीदवार 543 सीटों के लिए चुनाव मैदान में थे। मध्य प्रदेश में 1259 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। 2019 के चुनाव में देश में राज्य स्तरीय दल 673 थे उन्हें मात्र छह स्थान मिले थे।

आरक्षण विरोधी पार्टी को सिर्फ 6335 वोट मिले थे

2019 के संसदीय चुनाव में प्रदेश में सर्व प्रधान पार्टी, राइट टू रिकॉल, स्वर्णिम इंकलाब पार्टी, अहिंसा समाज पार्टी, आजाद भारत पार्टी, सनातन संस्कृति दल के उम्मीदवार प्रदेश में चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें मत भले ही कम मिले हों पर वे चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज जरूर करवाते हैं। पूरे देश में आरक्षण का विरोध होता है। 2019 में आरक्षण विरोधी पार्टी ने भी प्रदेश में उम्मीदवार खड़े किए थे, उन्हें प्रदेश में 6335 मत हासिल हुए थे। कई राजनीतिक दल तो ऐसे हैं कि उन्हें एक हजार से भी कम मत प्राप्त हुए हैं।

2024 के चुनाव में भी प्रदेश में राष्ट्रीय जनसंचार दल, राष्ट्रीय समाज पक्ष, आपका गणतंत्र पार्टी, आदिम समाज पार्टी, राष्ट् निर्माण पार्टी, स्मार्ट इंडियन पार्टी, अहिंसा समाज पार्टी, आदर्श न्याय रक्षक पार्टी, नवधर्म सभा, स्वीप पार्टी, सजग समाज पार्टी, लोक समाज पार्टी, पिछड़ा समाज पार्टी, स्वतंत्र किसान पार्टी, मानवीय भारत पार्टी जैसे नामों की राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इन दलों के नाम संभवत पहली बार मतदाता को सुनने को मिले होंगे। ये दल मत भले ही कम प्राप्त करें पर चुनाव में इनकी उपस्थिति बनी रहती है।

2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में चुनाव मैदान में उतरे दल और उनके प्रत्याशी

दल प्राप्त मत
सर्व प्रधान पार्टी (मध्य प्रदेश) 418
राइट टू रिकॉल 484
स्वर्णिंम भारत इंकलाब 527
सनातन संस्कृति दल 572
रिपब्लिक पार्टी ऑफ़ इंडिया 825
राष्ट्र निर्माण पार्टी 930
अखंड राष्ट्रवादी पार्टी 933
स्वतंत्र जनतंत्र राज पार्टी 968
अहिंसा विकास पार्टी 1325
अहिंसा समाज पार्टी 1424
आदर्श न्याय रक्षा पार्टी 2360
आल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक 3236
आजाद भारत पार्टी 3472
आरक्षण विरोध पार्टी 6335

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