मध्य प्रदेश में इन दिनों चुनावी सरगर्मी तेज है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही 230 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। 17 नवबंर को प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। चुनाव से पहले अमर उजाला का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ प्रदेशभर के मतदाताओं का मन टटोलने निकला है। मुरैना जिले से शुरू हुआ ‘अमर उजाला’ का चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ आज (9 नवंबर) मालवा निमाड़ में आने वाले खरगोन पहुंचा है।
जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं, वहां मध्य प्रदेश एकलौता राज्य है, जहां भाजपा की सरकार है। मतदान के लिए अंतिम दिनों में भाजपा आक्रामक प्रचार कर ही है। पीएम मोदी लगातार प्रदेश में चुनावी कार्यक्रम कर रहे हैं। इन सबके बीच राज्य की सियासी स्थिति के बारे में विस्तार से जानना जरूरी है। मध्यप्रदेश बीते पांच साल में दो सरकारें देख चुका है। 2018 में आए चुनाव नतीजों के बाद राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस ने सरकार बनाई। कमलनाथ राज्य के मुख्यमंत्री बने। हालांकि, राज्य की कमलनाथ सरकार 15 महीने तक ही चल सकी। 15 महीने बाद एक बार फिर राज्य में भाजपा की सत्ता में वापसी हुई। आइए जानते हैं राज्य में बीते पांच साल में हुए सियासी उठापटक के बारे में…