भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की 230 सीटों के लिए वोटिंग खत्म हो गई है। राज्य में एक ही फेज में मतदान हुआ है। इस बार वोटिंग को लेकर मतदाताओं में गजब का उत्साह देखने को मिला है। राज्य में शाम पांच बजे तक 71 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई है। 2003 से 2018 तक के चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो केवल एक ही बार राज्य में सत्ता परिर्वतन हुआ है। जिस बार सत्ता परिवर्तन हुआ उस बार राज्य में 75 फीसदी से ज्यादा वटिंग हुई थी।
मध्यप्रदेश में इस बार बीजेपी-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। कई विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला है। दोनों ही पार्टियों ने जीत के दावे किए हैं लेकिन बागी और दूसरी पार्टी के उम्मीदवारों के कारण हार का भी डर सता रहा है। आइए जानते हैं कि 2003 से लेकर 2018 तक राज्य में कितनी वोटिंग हुई और किसकी सरकार बनी।
2018 में कितनी फीसदी हुआ था मतदान
मध्यप्रदेश में 2018 में 75 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में 75.2 फीसदी मतदान हुआ था। जिसके बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ था। हालांकि किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस को सबसे ज्यादा 114 और बीजेपी को 109 सीटें मिलीं थी। वहीं, वोट शेयर की बात करें तो 2018 में बीजेपी को कांग्रेस से ज्यादा वोट मिले थे।
2013 में कितने फीसदी हुई थी वोटिंग
2013 के विधानसभा चुनाव में राज्य की 230 विधानसभा सीटों पर 70.8 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस चुनाव में बीजेपी को 165 और कांग्रेस को मात्र 57 सीटों पर जीत मिली थी।
2008 में कितनी वोटिंग
मध्यप्रदेश में 2008 के विधानसभा चुनाव में 69 फीसदी वोटिंग हुई थी। 70 फीसदी से कम हुई वोटिंग के बाद भी बीजेपी ने अपनी सरकार को बरकरार रखा था। बीजेपी को 143 और कांग्रेस को 71 सीटों पर जीत मिली थी।
2003 में कितनी हुई थी वोटिंग
मध्यप्रदेश में 2003 के चुनाव बेहद अमह माने जाते थे। मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद राज्य में पहली बार चुनाव हुए थे। 2003 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। बीजेपी ने उमा भारती के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। 2003 में राज्य में 67 फीसदी वोटिंग हुई थी। तब बीजेपी को 173 और कांग्रेस को मात्र 38 सीटों पर जीत मिली थी।
75 फीसदी से ज्यादा मतदान परिवर्तन का संकेत
मध्यप्रदेश के बीते पांच चुनावों की बात करें तो केवल 2018 में ही 75 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई थी। 2018 में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत तो नहीं मिला था लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी थी। अगर आंकड़ों पर गौर करें तो यह साफ होता है कि 75 फीसदी से ज्यादा वोटिंग राज्य में बदलाव का संकेत देती है।