Mp Election 2023 : यशोधरा समेत कई मंत्रियों का टिकट कटेगा, अमित शाह के भोपाल दौरे का प्लान हुआ डिकोड

Yashodhara Raje Scindia To Not Contest Assembly Polls Madhya pradesh Election Updates

शिवराज सिंह चौहान, यशोधरा राजे सिंधिया और अमित शाह

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने दूसरी सूची में चौंकाया। तीन मंत्रियों समेत सात सांसदों और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को चुनाव लड़ाया। अब खबरें आ रही हैं कि खेल एवं युवक कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने खराब स्वास्थ्य की वजह से चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। हालांकि, अंदरखाने खबर यह भी है कि यशोधरा ही नहीं शिवराज सिंह चौहान की टीम के कुछ और मंत्रियों के टिकट भी अधर में हैं। कुछ मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं और कुछ के खिलाफ उनके ही क्षेत्र में नाराजगी है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह एक अक्टूबर को भोपाल आ रहे हैं। चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे। साथ ही वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात में उनका फोकस डैमेज कंट्रोल का रहने वाला है। अब तक पार्टी ने तीन विधायकों के टिकट काटे हैं। सीधी में केदारनाथ शुक्ला, नरसिंहपुर में जालम सिंह और मैहर से नारायण त्रिपाठी को टिकट नहीं दिया गया है। इनमें से शुक्ला और त्रिपाठी ने खुलकर पार्टी के फैसले का विरोध किया है। भाजपा ने जालम सिंह के भाई केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को उम्मीदवार बनाया है, इस वजह से उनकी प्रतिक्रिया जरूर संयत आई है। इसी तरह कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 से उम्मीदवार बनाया तो पहले उन्होंने हैरानी जताई। फिर उनके समर्थक उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय का टिकट कटने की आशंका में भोपाल पहुंच गए। इन परिस्थितियों में भाजपा की अगली सूची में जब 40% विधायकों के टिकट कटेंगे तो स्थिति और खराब हो सकती है। अमित शाह के दौरे का फोकस भी डैमेज कंट्रोल का ही रहेगा। वह स्पष्ट शब्दों में कहने वाले हैं कि विरोध को किसी भी हालत में उठने नहीं देना है।

सबसे ज्यादा खतरा मंत्रियों से

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कई मंत्रियों के टिकट कट सकते हैं। कुछ के खिलाफ क्षेत्र की जनता नाराज है। वहीं, कुछ ऐसे मंत्री भी हैं जिन पर भ्रष्टाचार समेत अन्य आरोप हैं। कुछ मंत्रियों के रिश्तेदार भी टिकट की दौड़ में हैं। एक परिवार एक टिकट के फॉर्मूले के आधार पर मंत्रियों के टिकट काटकर उनके किसी रिश्तेदार को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है। पार्टी को डर सता रहा है कि यदि टिकट कटने के बाद ऐसे मंत्रियों या विधायकों को संतुष्ट नहीं किया गया तो बागी खेल बिगाड़ सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए शाह का एक अक्टूबर का दौरा अहम माना जा रहा है।

यशोधरा की जगह कौन? 

कुछ दिन पहले कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामा था। चर्चा यह है कि उन्हें डर था कि यशोधरा राजे सिंधिया शिवपुरी के बजाय उनकी सीट से टिकट मांग रही है। इस वजह से उन्होंने अपनी सीट बचाने के लिए पार्टी ही बदल ली। हालांकि, अब यशोधरा के चुनाव लड़ने पर संशय है। खराब स्वास्थ्य की वजह से उन्होंने चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई है। अब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी शिवपुरी से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

इन मंत्रियों के कट सकते है टिकट

बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल, बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन, पोहरी से सुरेश धाकड़, अनुपपूर से बिसाहूलाल सिंह के टिकट कट सकते है। ग्वालियर ग्रामीण से भरत सिंह कुशवाह, अमरपाटन से राम खिलावन, मुंगावली से बृजेंद्र सिंह यादव के चुनाव लड़ने पर भी संशय है। इनमें से कुछ के प्रति जनता में नाराजगी है तो वहीं कुछ नेता अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट मांग रहे हैं। आने वाले समय में इनके टिकट पर जमी धुंध भी छंट जाएगी।

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