मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों को प्रचार सामग्री सोच-समझकर खरीदनी पड़ रही है। चुनाव सामग्री पर भी महंगाई की मार पड़ी है। सामग्री के दाम 25 फीसदी तक बढ़ गए हैं। हालात ये है कि झंडे की साइज भी घटाना पड़ रहा है। नेताजी की सबसे प्रिय टोपी के दाम बढ़ने से भी खपत कम हो गई है।
विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा-कांग्रेस के लिए कुछ चुनाव सामग्री पार्टी स्तर पर राष्ट्रीय कार्यालय एवं प्रदेश कार्यालय से भी प्राप्त होती है। प्रत्याशियों को स्वयं भी प्रचार सामग्री खरीदना पड़ती है। प्रचार सामग्री मध्य प्रदेश के अनेक शहरों में विक्रय हेतु मिल जाती है। इसके अलावा एजेंट भी चुनाव सामग्री बेचने के लिए घूमते रहते हैं।
महंगाई के चलते साइज हुई छोटी
महंगाई की वजह से झंडे की कीमत में ज्यादा इजाफा न करके उसकी साइज छोटी कर दी गई है। 20 गुणा 30 सेमी आकार का झंडा पहले पांच और छह रुपये के बीच आता था। इसकी कीमत अब आठ से दस रुपये हो गई है। पुरानी कीमत पर साइज को कम कर 20 गुणा 27 सेमी आकार किया गया है। 26 गुणा 42 का झंडा 13 रुपये का आता था। इसकी कीमत 18 रुपये हो गई है। पुरानी कीमत पर साइज को 26 गुणा 42 कर दिया है। 40 गुणा 80 का झंडा 70 रुपये के स्थान पर 90 रुपये हो गया है। पुरानी कीमत पर साइज को कम करके 40 गुणा 58 कर दिया गया है। 60 गुणा 90 आकार का झंडा 150 से 200 रुपये तक में बेचा जा रहा है।
टोपी, टीशर्ट, थैला भी महंगे
सबसे अच्छी टोपी 10 से 20 रुपये में बेची जा रही है। थोक में सभी पार्टियों के झंडे भी बिकते हैं, लेकिन इनकी कीमत में इजाफा न करके इनकी साइज पर कैंची चला दी है। चुनाव में हर प्रत्याशी अपने कार्यकर्ताओं के साथ समर्थकों को थोक में टोपी और झंडे बांटने का काम करता है। इस बार कम कीमत वाली टोपी तीन से पांच और कुछ अच्छी क्वालिटी वाली टोपी छह से दस रुपये तक में उपलब्ध है। पिछले चुनाव में टी-शर्ट 100 रुपये से कम की थी, लेकिन इस बार इसके दाम बढ़ गए हैं। जो टी शर्ट 80 से 90 रुपये में मिलती थी, वह अब 100 से 150 रुपये की हो गई है। अच्छी टी-शर्ट 150 से 200 रुपये तक में बिक रही है। 15 गुणा 16 इंच का थैला पहले 15 रुपये में उपलब्ध था। यह अब 20 रुपये का हो गया है। महिलाओं के लिए कई तरह की सामग्री आई है, जिसमें दुपट्टा महंगा हो गया है।