बड़वानी : एमपी विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अंतिम दौर में है। 15 नवंबर को प्रचार थम जाएगा। आखिर दौर में पार्टियों की रणनीति बदलने लगी है। खासकर बीजेपी में यह बदलाव दिख रहा है। चुनाव की शुरुआत में केंद्रीय नेतृत्व एमपी में शिवराज सिंह चौहान को साइड करती दिख रही थी। उनके समकक्ष के नेताओं को चुनावी मैदान में उतार दिया था। साथ ही चुनावी रैलियों में दिल्ली के नेता शिवराज की योजनाओं का जिक्र भी नहीं कर रहे थे। अब बाजी पलट गई है। पिछले कुछ दिनों से बीजेपी के नेता जोर शोर से शिवराज की योजनाओं का नाम ले रहे हैं।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अब लाड़ली बहना योजना का जिक्र करने लगे हैं। 25 सितंबर को जब भोपाल में कार्यकर्ता महाकुंभ हुआ था तो प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं का जिक्र नहीं किया था। कुछ दिन पहले से ही उन्होंने लाड़ली बहना योजना का नाम लेना शुरू किया है। वहीं, 13 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार बड़वानी की रैली में शिवराज सिंह चौहान के साथ उनकी योजनाओं का जिक्र किया है। इसके बाद यह अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या प्रदेश की हवा बदलने लगी है।
पीएम ने लिए सीएम के नाम
दरअसल, बड़वानी की चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शिवराज जी की सरकार में लाड़ली बहना और लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत एमपी की लाखों बहनों को मदद मिल रहे हैं। आदिवासी परिवार की बहनों को भी विशेष सहायता दी जाती है। ये भी बीजेपी सरकार ही है, जिसने पहली बार सिकल सेल बीमारी दूर करने के लिए राष्ट्रीय अभियान शुरु किया है।
गौरतलब है कि इससे साफ जाहिर हो रहा है कि एमपी में जमीनी स्थिति को भांपते हुए पार्टी ने अपनी रणनीति बदल ली है। शायद यही वजह है कि शिवराज सिंह चौहान फिर से मजबूती के साथ संगठन में कम बैक करने लगे हैं। खुद सीएम भी सत्ता में वापसी के लिए आक्रामक प्रचार अभियान में जुटे हैं। साथ ही लाड़ली बहनों में मामा का क्रेज भी दिख रहा है। ऐसे में लाड़ली बहना योजना को दरकिनार करना संभव नहीं है।