Mosquito Borne Diseases in Monsoon | बरसात में बढ़ा मच्छरों का प्रकोप, इन बीमारियों से रहें सावधान

भोपाल। बरसात के मौसम में जलभराव के कारण मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ने लगती है। नतीजतन, मच्छरजनित रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश के बाद अगर किसी स्थान पर पानी जमा रह जाए, तो वह मच्छरों के प्रजनन का आदर्श स्थल बन जाता है। यही वजह है कि इस मौसम में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफलाइटिस और फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ जाती है।

डेंगू: दिन में काटने वाला घातक मच्छर

डेंगू एक वायरल रोग है जो एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन के समय काटता है।
लक्षण: तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों व जोड़ों में सूजन, शरीर पर चकत्ते।
गंभीर मामलों में हेमरेजिक फीवर हो सकता है, जिससे प्लेटलेट्स की संख्या घटती है और आंतरिक रक्तस्राव होता है। इलाज लक्षणों के आधार पर होता है, और समय पर उपचार से मरीज एक-दो सप्ताह में ठीक हो सकता है।

मलेरिया: रात में हमला करने वाला मच्छर

मलेरिया एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है, जो मुख्य रूप से रात के समय सक्रिय होता है।
लक्षण: ठंड के साथ बुखार, पसीना आना, सिरदर्द, उल्टी, थकावट।
यह रोग लिवर और किडनी को भी प्रभावित कर सकता है। इलाज एंटी-मलेरियल दवाओं से संभव है, लेकिन देर से इलाज जानलेवा हो सकता है।

चिकनगुनिया: जोड़ों को करता है निशाना

यह भी डेंगू की तरह एडीज मच्छर से फैलता है।
लक्षण: तेज बुखार, जोड़ों में सूजन और अत्यधिक दर्द, जो हफ्तों या महीनों तक बना रह सकता है।
इसका कोई विशिष्ट इलाज नहीं है; लक्षण आधारित उपचार ही इसका समाधान है।

जापानी इंसेफलाइटिस: बच्चों के लिए घातक

यह एक वायरल ब्रेन इंफेक्शन है जो क्यूलिक्स मच्छर से फैलता है।
लक्षण: सिरदर्द, उल्टी, मानसिक भ्रम, बेहोशी।
यह मच्छर अधिकतर धान के खेतों और गंदे पानी वाले क्षेत्रों में पनपता है। बच्चों में इसके मामले अधिक देखने को मिलते हैं।

फाइलेरिया: दीर्घकालिक रोग

यह रोग लिम्फ नोड्स और त्वचा को प्रभावित करता है और संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है।
लक्षण: सूजन, त्वचा में बदलाव, अंगों का असामान्य आकार।
यह बीमारी वर्षों तक शरीर में बनी रह सकती है।

कैसे करें मच्छरों से बचाव?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, मच्छरों से बचाव ही इन बीमारियों से बचने का सर्वोत्तम तरीका है:

घर और आसपास पानी जमा न होने दें।

कूलर, टंकी, गमले आदि की सफाई नियमित करें।

मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाली क्रीम/स्प्रे का प्रयोग करें।

शाम के समय पूरी बाजू के कपड़े पहनें।

बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सतर्कता की आवश्यकता होती है।

यदि बुखार या कोई लक्षण नजर आएं तो तुरन्त डॉक्टर से परामर्श लें।

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