मोहन यादव भाजपा के नए ओबीसी चेहरे बन गए। सोमवार को विधायक दल की बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में चुन लिया गया। उज्जैन दक्षिण की विधानसभा सीट से लगाकर तीसरी बार जीत दर्ज करने वाले मोहन यादव को भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के करीबी के तौर पर देखा जाता है। माना जा रहा है कि उन्हीं की पैरवी पर उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है।
ओबीसी समुदाय की प्रभावशाली यादव जाति से आने वाले मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और बिहार में लालू-तेजस्वी यादव की जातिगत राजनीति को जवाब देने की कोशिश की है। जिस तरह से अनुमान लगाया जा रहा है, इंडिया गठबंधन अगले विधानसभा चुनाव में ओबीसी समाज का मुद्दा जोरशोर से उछाल सकता है। ऐसे में मोहन यादव भाजपा की ओर से इस जातीय राजनीति का जवाब हो सकते हैं। उनके ऊपर 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को ओबीसी समुदाय के बीच अधिक स्वीकार्य बनाने की जिम्मेदारी होगी।
दरअसल, मोहन यादव का नाम सामने आने के बाद भाजपाई खेमे में भी लोग आश्चर्यचकित रह गए। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में जितने भी नाम लिए जा रहे थे, मोहन यादव उनमें कहीं भी नहीं थे। लेकिन विधायक दल की बैठक में सीधे उन्हीं के नाम का प्रस्ताव किया गया और उनके नाम पर मुहर लग गई।