Modi Cabinet: Jyotiraditya Scindia In Modi Cabinet, Becomes Mp For The Fifth Time – Amar Ujala Hindi News Live

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शपश ली है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर केंद्र सरकार में मंत्री बने हैं। उन्होंने शपथ ले ली है। वे रविवार सुबह पीएम नरेंद्र मोदी की संभावित मंत्रियों के साथ हुई चर्चा में शामिल थे। सिंधिया पांचवीं बार सांसद बने हैं। पहली बार भाजपा से चुनाव लड़कर वे लोकसभा पहुंचे हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद वे राज्यसभा सांसद बने और केंद्र में मंत्री बने थे।

2024 में हुए लोकसभा चुनाव में वह सिंधिया राजघराने की परंपरागत सीट से भारी बहुमत से विजयी रहे और पांचवीं बार लोकसभा में पहुंचे हैं। ग्वालियर के सिंधिया राजघराने के वंशज ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को बखूबी आगे बढ़ा रहे हैं। आजाद भारत में राजमाता विजयाराजे सिंधिया, उनके बेटे माधव राव सिंधिया, बेटियां वसुंधरा राजे सिंधिया, यशोधरा राजे सिंधिया और पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनीति में दबदबा रहा है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हार्वर्ड कालेज, हार्वर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक किया। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए डिग्री हासिल की। इसके उपरांत उन्होंने एक बैंकर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। हालांकि 30 सितम्बर 2001 को पिता माधवराव सिंधिया की एक विमान हादसे में आकस्मिक निधन के बाद परिस्थितियों ने कुछ ऐसा मोड़ लिया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भी राजनीति में आ गए और उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करते हुए अपने पिता की सीट गुना से चुनाव लड़ा और पहली बार संसद पहुंचे।

2007 में पहली बार बने केंद्रीय मंत्री

ज्योतिरादित्य सिंधिया को मई 2004 में फिर से इसी सीट से चुना गया और 2007 में केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्री परिषद में शामिल किया गया। इसके बाद 2009 में हुए चुनाव में वह लगातार तीसरी बार गुना सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे और इस बार उन्हें वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया। 2014 में, सिंधिया गुना से फिर चुने गए थे। लेकिन 2019 में उन्हें भाजपा के डा. कृष्णपाल सिंह यादव के मुकाबले हार झेलनी पड़ी। इसके बाद कांग्रेस पार्टी में ही एक गुट लगातार साइडलाइन करने की साजिश रचते रहा। आखिरकार 2020 में उन्होंने अपने समर्थकों के साथ भाजपा ज्वाइन कर ली और भाजपा के टिकट पर राज्यसभा में पहुंच गए। इसके बाद 2021 में हुए मोदी कैबिनेट के विस्तार में उन्हें जगह मिली और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया।

पहली बार भाजपा से लड़े और बड़े अंतर से जीते

बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार भाजपा के टिकट से लोकसभा चुनाव लड़े हैं। उन्होंने ये चुनाव 540929 वोटों से जीता है। गुना शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र उनका गढ़ माना जाता है, हालांकि 2019 के चुनावों में भाजपा के केपी यादव से चुनाव हारे थे।

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