मोदी 3.0 श्रृंखला | भाग 4: युवाओं की उम्मीदें और मोदी सरकार की नीतियां

Denvapost | विशेष रिपोर्ट | जुलाई 2025

भारत की 140 करोड़ आबादी में से लगभग 65% युवा हैं। यह जनसंख्या न केवल देश का डेमोग्राफिक डिविडेंड है, बल्कि राजनीतिक रूप से निर्णायक वर्ग भी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में युवाओं की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए अनेक योजनाएं और घोषणाएं की हैं — लेकिन ज़मीनी हकीकत और अपेक्षाएं अब भी एक बड़ी चुनौती हैं।

🎯 युवाओं की प्रमुख अपेक्षाएं

💼 1. रोजगार और करियर अवसर

हर साल करीब 1.2 करोड़ नए युवा नौकरी के बाजार में प्रवेश करते हैं।

अपेक्षा:
🔹 सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता
🔹 स्टार्टअप्स, गिग इकॉनॉमी, और नए क्षेत्रों में अवसर
🔹 स्किल्स और शिक्षा का सीधा कनेक्शन रोजगार से

🧠 2. गुणवत्ता शिक्षा और स्किलिंग

NEP 2020 के बाद भी कॉलेज-उद्योग सामंजस्य कमजोर है।

मांग:
🔹 तकनीकी शिक्षा में व्यावहारिक प्रशिक्षण
🔹 मुफ्त ऑनलाइन कोर्स और AI/कोडिंग जैसी स्किल्स पर ज़ोर
🔹 ग्रामीण युवाओं के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर

📢 3. आवाज़ और भागीदारी

आज का युवा केवल “वोटर” नहीं, वह नीतियों में भागीदारी चाहता है।

अपेक्षा:
🔹 डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए राय देने का अवसर
🔹 छात्रों और युवा उद्यमियों के लिए नीति संवाद
🔹 सोशल मीडिया पर सरकारी संवाद की पारदर्शिता

🏛 मोदी 3.0 की युवा-केंद्रित प्रमुख नीतियाँ

योजना/घोषणा उद्देश्य

राष्ट्रीय युवा रोजगार योजना (NYRY) 2 करोड़ युवाओं को स्किलिंग और रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य
PM e-Vidya 2.0 एकीकृत डिजिटल लर्निंग पोर्टल, ग्रामीण छात्रों को फोकस
डिजिटल इंडिया एक्सप्रेस 3.0 युवाओं के लिए फ्री कोडिंग, AI, डेटा साइंस ट्रेनिंग
नेशनल स्टार्टअप मिशन 2.0 कॉलेज स्तर से ही स्टार्टअप इनक्यूबेशन, 5000 नए हब
मिशन युवा संबल आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर केंद्रित नीति

⚖️ युवा क्या सोचते हैं? (Denvapost Youth Poll 2025 – उदाहरण)

सवाल प्रतिशत युवा उत्तरदाता

मोदी सरकार के काम से संतुष्ट? ✅ 62%
रोजगार की स्थिति से संतुष्ट? ❌ 38%
शिक्षा प्रणाली को व्यवहारिक मानते हैं? ❌ 34%
भविष्य के लिए भारत को आशावान मानते हैं? ✅ 71%

(Note: ये आंकड़े उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत किए गए हैं)

📌 निष्कर्ष:

> मोदी 3.0 की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह युवाओं की ऊर्जा को केवल भाषणों में नहीं, योजनाओं के धरातल पर कैसे बदलती है।
यह वह पीढ़ी है जो सवाल पूछती है, डेटा देखती है और बदलाव की भूखी है। यदि यह पीढ़ी सरकार के साथ विश्वास से जुड़ती है, तो 2029 तक भाजपा को कोई चुनौती देना आसान नहीं होगा।

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