अवैध कब्जे शहर में बड़ी समस्याओं में से एक हैं। इस साल अवैध कब्जों दायरा काफी तेजी से बढ़ा है। खासकर सड़कों किनारे टीन-टपरों के कब्जे नजर आ रहे हैं। इस समय शहर में ऐसी कोई सड़क नहीं है, जिसके दोनों तरफ टीन टपरों से बनी दुकानों के अवैध कब्जे न हों। जबकि साल भर पहले तक इतने अधिक कब्जे नहीं थे। सड़कों किनारे अवैध कब्जे बढ़ने का मुख्य कारण नपा प्रशासन की अनदेखी भी है।
दरअसल, पहले दो चार लोगों ने अवैध कब्जे करके इस तरह से दुकानें खोलीं। वहीं नपा ने इस दौरान कोई कार्रवाई नहीं की। यह देख और भी लोगों ने अवैध कब्जे करना शुरू कर दिए। देखते ही देखते साल भर में अवैध कब्जे एक तरह से शहर के मुख्य मार्गों की पहचान बन गए। सड़कों के दोनों तरह साफ देखा जा सकता है कि 20-20 फीट में से कम से कम 15-15 फीट जगह पर अवैध कब्जे करके टीन टपरे रखे गए हैं। इससे सड़क के दोनों ओर लगभग 30 फीट जगह अवैध कब्जों से घिरी हुई है। देखने में आ रहा है कि जहां दुकानदारों ने सड़कों किनारे अवैध रूप से टीन टपरे रखकर दुकानें खोल रखीं हैं, वहीं कुछ दबंग अतिक्रमणकारी इन दुकानदारों से भी दो कदम आगे हैं। ऐसे अतिक्रमणकारियों ने सड़कों किनारे अवैध कब्जे करते हुए उस पर पक्की दुकानों का निर्माण करा लिया। कई दबंग अतिक्रमणकारी इसी तरह कब्जे करके बनाई गई पक्की दुकानों को किराए पर भी लगा रखा है। जिससे मोटी कमाई भी हो रही है।
इधर, नपा प्रशासन अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाने के बजाए खामोशी के साथ बैठा हुआ है। कहा जा रहा था कि अतिक्रमण हटाने नपा की नई गठित टीम जल्द मैदान में उतरकर कार्रवाई करेगी, लेकिन अभी तक अतिक्रमण टीम का कुछ भी अता-पता नहीं है।